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कैबिनेट ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत किया ये बड़ा ऐलान

कैबिनेट की अहम बैठक (Cabinet Meeting) में इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के जरिए तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दे दी गई है.

Updated on: 20 May 2020, 03:27 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज यानि बुधवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक (Cabinet Meeting) में इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के जरिए तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दे दी गई है. नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा सदस्य ऋण संस्थानों (MLI) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है.

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MSME सेक्टर से जुड़े लोग उठा सकेंगे फायदा
आपातकालीन क्रेडिट लाइन (GECL) की सुविधा माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइज (MSME) उधारकर्ता उठा सकेंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा ऐलान किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जानकारी वित्त मंत्री ने पांच प्रेंस कॉन्फ्रेंस के जरिए जनता के सामने रखी थीं. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने राहत पैकेज के तहत पहले दिन (बुधवार) के ऐलान में मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों (MSMEs) के लिए बड़ी घोषणाएं की थीं.

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वित्त मंत्री ने डिस्कॉम्स और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लिक्विडिटी की घोषणा की थी. गुरुवार को दूसरी किस्त में वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में 2 महीने तक अनाज दिए जाने की घोषणा की थी. इसके अलावा छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थीं. वहीं शुक्रवार को जारी आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.63 लाख करोड़ रुपये के पैकेज सहित कई उपायों की घोषणा की गई. तीसरी किस्त में कृषि, सिंचाई, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी सेक्टर पूरा फोकस किया गया. शनिवार को चौथी किस्त में कोयला, रक्षा और एविएशन सेक्टर में रिफॉर्म पर जोर दिया गया था.

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वित्त मंत्री ने पांचवीं और अंतिम किस्त की जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्र ने उधार की कुल सीमा को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत किये जाने के राज्यों के अनुरोध को मंजूरी करने का निर्णय लिया है. उधार की सीमा में यह वृद्धि सिर्फ 2020-21 के लिये की गयी है. इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे.