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रूस-यूक्रेन के बीच वार्ता की उम्मीद से शेयर बाजार में उछाल

रूस-यूक्रेन के बीच वार्ता की उम्मीद से शेयर बाजार में उछाल

Updated on: 14 Mar 2022, 06:45 PM

मुम्बई:

रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की उम्मीद और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों की गिरावट के दम पर सोमवार को घरेलू शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुये।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.68 प्रतिशत यानी 935.72 अंक की बढ़त में 56,486.02 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी डेढ़ प्रतिशत यानी 241 अंक की तेजी में 16,871 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की 30 में से 26 कंपनियों में लिवाली का जोर रहा जबकि चार कंपनियों के शेयरों के दाम लुढ़क गये। इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों के दाम में सबसे अधिक बढ़त रही जबकि हिंदुस्तान यूनीलीवर, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा और टाटा स्टील के शेयरों के दाम फिसल गये।

बीएसई में स्वास्थ्य, यूटिलीटिज,धातु, तेल, बिजली और रिएल्टी समूह में गिरावट रही जबकि टेक, आईटी और बैंकिंग समूहों में सर्वाधिक तेजी रही।

बीएसई में दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मंझोली कंपनियों में निवेशकों ने कम पैसा लगाया।

निफ्टी में इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसी बैंक के शेयरों में सर्वाधिक उछाल देखा गया जबकि इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान यूनीलीवर, टाटा माटर्स, एचडीएफसी लाइफ के शेयरों के दाम सबसे अधिक कम हुये।

विदेशी बाजारों में जर्मनी का डैक्स , जापान का निक्के ई और ब्रिटेन का एफटीएसई तेजी में रहा जबकि कोरोना संक्रमण के मामलों में आयी तेजी से चीन का शंघाई कंपोजिट तथा हांगकांग का हैंगशैंग धराशायी हो गया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड चार फीसदी की गिरावट के साथ 108 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड पांच प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.88 डॉलर प्रति बैरल रहा, जिससे निवेश धारणा को मजबूती मिली।

रेलीगेयर ब्रोकिंग के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार ने इस सप्ताह अच्छी शुरूआत की है। सोमवार को सपाट खुलने के बाद में बैंकिंग, आईटी और टेक कंपनियों में हुई लिवाली के दम पर बाद के कारोबार में शेयर बाजार ने अच्छी बढ़त हासिल की।

उन्होंने कहा कि मजबूत वैश्विक संकेतों के कारण शेयर बाजार में तेजी है।

जियोजीत फादनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों के कम होने से निवेश बढ़ रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और कच्चे तेल की ऊंची कीमत का दबाव भी कम हो रहा है और रूस-यूक्रेन मामले में कूटनीतिक हस्तक्षेप से आगे यही धारणा बने रहने के संकेत हैं। इन सभी कारकों से शेयर बाजार को मजबूती मिली है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.