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सरकार को RBI के अतिरिक्त रिजर्व के हस्तांतरण के पक्ष में बिमल जालान समिति

छह सदस्यीय जालान समिति की नियुक्ति 26 दिसंबर, 2018 को की गई थी. समिति को केंद्रीय बैंक की आर्थिक पूंजी रूपरेखा ढांचे की समीक्षा कर रिजर्व बैंक के पास रहने वाले उपयुक्त पूंजी स्तर के बारे में सिफारिश देने को कहा गया था.

Updated on: 17 Jul 2019, 03:13 PM

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर बिमल जालान (Bimal Jalan) की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति ने केंद्रीय बैंक के पास पूंजी के उपयुक्त स्तर पर अपनी रिपोर्ट को बुधवार को अंतिम रूप दे दिया. छह सदस्यीय जालान समिति की नियुक्ति 26 दिसंबर, 2018 को की गई थी. समिति को केंद्रीय बैंक की आर्थिक पूंजी रूपरेखा ढांचे की समीक्षा कर रिजर्व बैंक के पास रहने वाले उपयुक्त पूंजी स्तर के बारे में सिफारिश देने को कहा गया था.

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भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए स्थापित बिमल जालान पैनल ने पूर्व निर्धारित फार्मूले के आधार पर तीन से पांच साल की अवधि में सरकार को अतिरिक्त भंडार के हस्तांतरण की सिफारिश करने का फैसला किया है.

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सूत्रों ने बुधवार को यहां समिति की बैठक के बाद कहा कि रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है. अब आगे और बैठक की जरूरत नहीं है. समझा जाता है कि समिति ने रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध अतिरिक्त अधिशेष पूंजी को अगले तीन से पांच साल के दौरान सरकार को हस्तांतरित करने की सिफारिश की है.