बैंक यूनियन की मांग, आरबीआई नोटों की कमी का रोजाना दे ब्योरा

बैंक यूनियन ने बैंकों को नोटों की कमी की जानकारी सार्वजनिक रूप से रोजाना जारी करने की मांग की है।

बैंक यूनियन ने बैंकों को नोटों की कमी की जानकारी सार्वजनिक रूप से रोजाना जारी करने की मांग की है।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
बैंक यूनियन की मांग, आरबीआई नोटों की कमी का रोजाना दे ब्योरा

फाइल फोटो

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बंगाल प्रोविंशियल बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन (बीपीबीईए) ने बुधवार को शीर्ष बैंक से संबंधित बैंकों को नोटों की कमी की जानकारी सार्वजनिक रूप से रोजाना जारी करने की मांग की है।

Advertisment

उन्होंने यहां आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन किया और क्षेत्रीय निदेशक को ज्ञापन सौंपा। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल भी केंद्रीय बोर्ड की इस बैठक में शामिल होंगे।

एआईबीओए के पश्चिम बंगाल स्टेट कमिटी के महासचिव समीर बनर्जी ने कहा, 'आरबीआई को विभिन्न करेंसी चेस्ट/बैंक को आपूर्ति की जाने वाली नोटों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए। क्योंकि आरोप है कि कुछ चुने हुए बैंकों को ज्यादा नोट जारी किए जा रहे हैं, जबकि सरकारी बैंकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पर आरबीआई को स्पष्टीकरण देना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'अगर आरबीआई बैंकों को नोटों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पा रहा है तो बैंक की शाखाओं ने नकद लेनदेन को पर्याप्त नकदी उपलब्ध होने तक रोक देनी चाहिए।'

उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि देश के 70 फीसदी एटीएम काम ही नहीं कर रहे हैं या फिर उनमें नोट खत्म हैं।'

बीपीबीईए के महासचिव राजेन नागर ने कहा, 'सभी एटीएम को तुरंत चालू किया जाए और आरबीआई को सभी बैंकों को पर्याप्त नकदी जारी करने के लिए कदम उठाने चाहिए।'

बैंक स्टॉफ यूनियन ने कहा कि अगर आरबीआई बैंकों को पर्याप्त नोट की आपूर्ति कर रहा है तो लोगों द्वारा अपनी रकम निकालने पर प्रति सप्ताह 24,000 रुपये की सीमा क्यों लगाई गई है।

इसके अलावा यूनियन ने कहा कि बैंकों को अभी भी पर्याप्त मात्रा में 500 के नोट नहीं मिले हैं और यही कारण है कि ग्राहक 2000 रुपये के नोट लेने से मना कर रहे हैं, क्योंकि वे बाजार में इसका खुल्ला नहीं करा पा रहे हैं। बनर्जी ने आगे कहा, 'आरबीआई ने जो 100 रुपये के नोटों की आपूर्ति की है वे गंदे और पुराने नोट हैं, जिसे ग्राहक स्वीकार नहीं कर रहे हैं।'

Source : News Nation Bureau

RBI demonetisation
      
Advertisment