गंजेपन की समस्या पूरे देश में तेजी से बढ़ रही है. खराब खानपान और जीवशैली की वजह से अकसर लोग कम उम्र में गंजेपन का शिकार हो रहे हैं. मगर पतंजलि ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. इस उपाय से न केवल बालों का झड़ना रुकेगा बल्कि दोबारा से नए बाल रुकने लगेंगे. पतंजलि के शोध काफी कारगर सिद्ध हुआ है. डॉक्टरों की टीम ने कई मरीजों पर छह सप्ताह तक शोध किया. शोध के दौरान विभिन्न विधियों से उपचार किया गया. इसके बाद न केवल बाल झड़ना रुक गया, बल्कि नए बाल भी उगने लगे. पतंजलि की ओर से इस शोध को प्रकाशित किया गया है.
बालों के झड़ने की समस्या से निपटने के लिए आजकल युवा लाखों रुपया खर्च कर रहे हैं. विग और बालों को ट्रांसप्लांट करवाने जैसी तकनीक का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि यह तकनीक पूरी तरह से कारगर नहीं हो रही है. गंजेपन की बढ़ती समस्या को देखते हुए पतंजलि की ओर से इस पर गहन शोध किए गए. शोध के बाद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शोध के बाद गंजेपन की समस्या का स्थाई समाधान मिला. पतंजलि ने नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन में अपने इस शोध को पब्लिश किया.
पतंजलि के रिसर्च में दावा
पतंजलि ने अपने शोध में पाया कि वात और पित्त के बिगड़ने के कारण सिर के बाल झड़ने लगते हैं. शोध में इसका उपचार किया गया. उपचार के दौरान शोधन, शमन और चिकित्सा को शामिल किया. 6 सप्ताह में मरीज के सिर से बाल झड़ना बंद हो गए बल्कि नए बालों के उगने का क्रम जारी हो गया.
वात और पित्त को नियंत्रित करके हो सकता है इलाज
आयुवेर्दिक इलाज में मरीजों को छह सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें नियमित रूप से पंचकर्म विधि से शोधन थेरेपी दी. इसके अलावा मुंह और नाक से दवाएं पहुंचाईं. सिर में तेल की मालिश हुई. बाद में मरीजों के सिर और शरीर के कई भागों से नए बाल उगने आरंभ हो गए. शोध में सामने आया कि वात और पित्त को नियंत्रित करके लोगों का उपचार किया जा सकता है. इससे बालों के झड़ने की बीमारी को दूर किया जा सकता है. नए बाल उगने का क्रम आरंभ हो जाता है. यह पूरी तरह से स्थाई होता है.