वाहन निर्यात में 2021-22 के दौरान जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। ऑटोमोबाइल की कुल संख्या का निर्यात 2020-21 में 41,34,047 से बढ़कर 2021-22 में 56,17,246 हो गया, मतलब 35.9 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा- इसमें से कारों सहित यात्री वाहनों का निर्यात 2020-21 में 4,04,397 से बढ़कर 2021-22 में 5,77,875 हो गया, जिसमें 42.9 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई और वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 2020-21 में 50,334 से बढ़कर 2021-22 में 92,297 हो गया, जिसमें 83.36 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
जवाब के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। विदेश व्यापार नीति (2015-20) को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है और प्री और पोस्ट शिपमेंट रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानता योजना को भी 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।
उपायों में निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना भी शामिल है, जिसे 1 जनवरी, 2021 से लागू किया गया है। इसी तरह, 432 टैरिफ लाइनों में विसंगतियों को दूर किया गया है और 16 जनवरी, 2023 से संशोधित दरों को लागू किया गया है। व्यापार को सुविधाजनक बनाने और निर्यातकों द्वारा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के उपयोग को बढ़ाने के लिए मूल प्रमाण पत्र के लिए सामान्य डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है।
जवाब में कहा गया कि, प्रत्येक जिले में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों की पहचान करके जिलों को निर्यात हब के रूप में लॉन्च किया गया है। उत्पादों के निर्यात की बाधाओं को दूर किया जा रहा है और जिलों में रोजगार पैदा करने के लिए स्थानीय निर्यातकों/निर्माताओं को समर्थन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश लक्ष्यों को बढ़ावा देने की दिशा में विदेशों में भारतीय मिशनों की सक्रिय भूमिका को बढ़ाया गया है।
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Source : IANS