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टेक्नोलॉजी छीन लेगी अगले 9 साल में 20 करोड़ नौकरियां, बोले मोहनदास पाई

पाई ने कहा कि भारत में 2025 तक 21 से 41 आयुवर्ग के 2 करोड़ नौजवान होंगे, जिनके पास कोई काम नहीं होगा।

Updated on: 02 Dec 2016, 01:45 PM

नई दिल्ली:

इंफोसिस के बोर्ड में रहे और तकनीक की दुनिया में इंडस्ट्री वेटरन माने जाने वाले मोहनदास पाई ने कहा है कि तकनीक में प्रगति और ऑटोमेशन से 2025 तक तकरीबन 20 करोड़ नौजवानों के पास या तो नौकरियां नहीं होंगी या रोज़गार के बहुत कम अवसर उपलब्ध होंगे। पाई ने कहा कि भारत में 2025 तक 21 से 41 आयुवर्ग के 2 करोड़ नौजवान होंगे, जिनके पास कोई काम नहीं होगा। सरकार भी इस मसले पर अँधेरे में होगी क्योंकि उनके पास पर्याप्त डाटा नहीं होगा।

पाई अभी मनिपाल एजुकेशन ग्लोबल सर्विसेज के चेयरमैन हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या एक जनसांख्यिकी दुःस्वप्न की तरह होगा। 10 साल पहले जहाँ देश की 62 फीसदी लोग खेती-बारी से जुड़े हुए थे, वहीँ आज तकरीबन 52 फीसदी लोग इस पेशे से जुड़े हैं। वहीँ तकनीक और सेवाओं से जुड़ा क्षेत्र हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।

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कृषि और सेवा क्षेत्र में बढ़ती इस असमानता भारत के कई राज्यों में आंदोलन के रूप में फूट रही है। वहीँ कई कंपनियां अब स्वचालन (ऑटोमेशन) की तरफ बढ़ रहीं हैं। इनकी मशीनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जिसकी वजह से लोगों की नौकरियां जाएँगी। हांलांकि पाई ने यह भी जोड़ा कि रचनात्मक लोग नौकरियों में बने रहेंगे।

उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉम जैसी कंपनियां रोबोटों को काम पर लगा रही हैं, खुद से चलने वाली कारें और ट्रक पर काम चल रहा है। रोबोट को अपनी सैलरी में बढ़ोत्तरी नहीं चाहिए होती, ना उन्हें काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन साधना होता है। बैंकिंग सेक्टर में भी नौकरियों का संकट है क्योंकि एटीएम और डिजिटल पेमेंट जैसी तकनीकें आ गईं हैं।