मप्र से गुजरने वाला अटल प्रोग्रेस-वे भारत माला फेस-एक में शामिल
मप्र से गुजरने वाला अटल प्रोग्रेस-वे भारत माला फेस-एक में शामिल
भोपाल:
मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके से होकर गुजरने वाले लगभग चार सौ किलो मीटर लंबी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेस-एक में शामिल करने की भारत शासन के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे को भारतमाला फेस -एक में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार मानते हुए कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चंबल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रेस-वे के आस-पास इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण कराया जायेगा। जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।
उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के निर्माण से झांसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, यह मार्ग चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होकर गुजरेगा, जिसकी लंबाई 404 किलो मीटर होगी, जो पूर्व में झांसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा।
इस मार्ग के अस्तित्व में आने से झांसी से कोटा की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की कमी आएगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में अवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर छह घंटे तक हो जाएगा।
बताया गया है कि चंबल नदी के किनारे से बनाने वाले इस एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग सात हजार करोड़ रुपए का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को सात विभिन्न पैकजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने केन्द्र सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति पर केंद्रीय मंत्री गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना की निविदाएं अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा ली गई खास रुचि और प्रयासों के चलते पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी एवं पूर्णत: नये सिर से बनाई जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, डीपीआर निर्माण और भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है।
इस परियोजना का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जाएगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन द्वारा रिकार्ड चार महीने में डीपीआर बनाकर भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रिकॉर्ड समय में पूर्ण कर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय (एन.एच.ए.आई) को सौंपा जा चुका है।
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