अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मेक्सको और चीन के खिलाफ छेड़े गए 'व्यापारिक युद्ध' में भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है। एसोचैम ने यह बात अपनी एक रिपोर्ट में कही है।
एसोचैम के मुताबिक भारत को सबसे ज्यादा नुकसान इंफॉरमेशन टोक्नोलॉजी और अमेरिकी बाजार में किए जाने वाले निर्यात पर पड़ेगा। चेंबर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, हालांकि चीन और मेक्सिको सीधे तौर पर ट्रंप के निशाने पर हैं। लेकिन फिर भी भारत को सजग रहने की जरूरत है और अमेरिकी प्रशासन से अच्छे संबंध बनाए रखने की जरूरत है।
साथ ही अमेरिकी नौकरियों को लेकर अमेरिकी प्रशासन की चिंताओं को शांत करने की जरूरत है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियों द्वारा नौकरियों को चीन और मेक्सिकों में आउटसोर्स किए जाने के खिलाफ चुनाव से पहले ट्रंप की बयानबाजी अब सच साबित हो सकती है।
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत को केवल चुपचाप बैठ कर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर को देखना नहीं चाहिए बल्कि ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे भारत की स्थिति मजबूत बनी रहे।
ऐसोचैम ने कहा, 'हमें ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे अमेरिका में आने वाली नए शासन की नजर में हम सही दिखें नहीं तो असर यहां भी प़ड़ सकता है।' ऐसोचैम ने साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में जब ट्रंप शासन में आ जाएंगे तब चीन दूसरे देशों जैसे भारत में अपने सामान ज्यादा से ज्यादा मात्रा में उतारने की कोशिश करेगा।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत के मुताबिक, 'अगर अमेरिका भारतीयों को नौकरी देता है तो यह भारत और अमेरिका, दोनों देशों के लिए ही अच्छी स्थिति हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में भी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल जैसी कंपनियां अपने डिजिटल कारोबार का विस्तार करने के रास्ते खोज रही हैं।
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Source : News Nation Bureau