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एयरसेल-मैक्सिस डील में ED की बड़ी कार्रवाई, चिदंबरम के बेटे कार्ति और उनसे जुड़ी कंपनियों की संपत्तियां जब्त

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और उनसे जुड़ी कंपनियों की 1.16 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है। इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और बैंक बचत शामिल है।

Updated on: 25 Sep 2017, 10:24 PM

highlights

  • मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने कार्ति चिदंबरम और उनसे जुड़ी कंपनियों की 1.16 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है
  • जांच एजेंसी ईडी ने यह कार्रवाई पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल में हुए एयरसेल-मैक्सिस डील में कथित अनियमितता को लेकर की है

नई दिल्ली:

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और उनसे जुड़ी कंपनियों की 1.16 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है। इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और बैंक बचत शामिल है।

ईडी पी चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते हुए एयरसेल-मैक्सिस मामले में कार्ति चिदंबरम की गई कथित अनियमितता की जांच कर रहा है।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, कार्ति द्वारा उनके 'अधिकतर बैंक खाते को बंद करने और संपत्तियों को बेचने' के बाद मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 90 लाख रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और बैंक खाते को जब्त करने के आदेश दिए गए थे।

अधिकारी ने बताया, 'जांच के दौरान, यह पाया गया कि वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड(एफआईपीबी) के अंतर्गत अपने अधिकारों से बाहर जाकर आदेश दिए।'

अधिकारियों ने बताया कि एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड(एएससीपीएल) के नाम से जमा एफडी को भी जब्त किया गया है। जांच के दौरान पता चला है कि एएससीपीएल कार्ति की ही कंपनी है, जिसे वह दूसरे व्यक्ति की मदद से चलाते हैं।

अधिकारी ने बताया कि एफआईपीबी की मंजूरी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति देती है, लेकिन चिंदबरम ने अपने अधिकार का दुरुपयोग कर इसका आदेश खुद ही दे दिया।

सरकारी नीति तथा एफआईपीबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक, 600 करोड़ रुपये से अधिक रकम के निवेश के लिए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी लेनी पड़ती है। मामले को रफा-दफा करने के लिए एफआईपीबी की मंजूरी को गलत तरीके से दिखाया गया।

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उन्होंने बताया, 'जांच के दौरान पता चला कि कार्ति और चिदंबरम के भतीजे ए पलानीअप्पन ने सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी देने के एवज में मेक्सिस ग्रुप से कथित रूप से दो लाख डॉलर वसूल किए।'

अधिकारी ने बताया कि कार्ति ने हाल ही में गुड़गांव में एक घर बेचा है, जिसे ईडी जब्त करने वाला था। यह घर एक कंपनी को किराये पर दिया गया था, जिसे पी चिदंबरम ने एफआईपीबी के लिए मंजूरी दी थी।

जांच के दौरान ईडी को पता चला कि एयरसेल मैक्सिस डील में FIPB मंजूरी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दी थी। इसके साथ ईडी को यह पता चला कि कार्ति और पी चिदंबरम की भतीजी की कंपनी को मैक्सिस ग्रुप से 2 लाख डॉलर मिले थे।

पूरा मामला एयरसेल-मैक्सिस डील में हुई गड़बड़ी को लेकर है, जिसमें जांच एजेंसी चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है। 2006 में मलयेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में मंजूरी देने को लेकर चिदंबरम पर गड़बड़ी करने का आरोप है।

ईडी ने कुल 1.16 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की है। इसमें अडवांटेज स्ट्रैटिजिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की 26 लाख रुपये का बैंक डिपॉजिट भी शामिल है। इससे पहले सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया क्योंकि वह अपने विदेशी बैंक खातों को बंद कर रहे थे।

दोनों कंपनियों पर कुल 2,307 करोड़ रुपये के फेमा उल्लंघन का आरोप है। दोनों कंपनियां पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति पी चिदंबरम से संबंधित हैं।

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