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एयर इंडिया( Photo Credit : फाइल)
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एयर इंडिया( Photo Credit : फाइल)
एयर इंडिया (Air India) के नॉन-फ्लाइंग (गैर-उड़ान) कर्मचारियों की वेतन कटौती तय समय में महंगाई भत्ते (डीए) के साथ बहाल हो सकती है, लेकिन पायलटों के लिए आय के नुकसान की भरपाई फिलहाल संभव नहीं है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि एयर इंडिया (Air India) में वेतन कटौती वरिष्ठ गैर-उड़ान अधिकारियों और अन्य गैर-उड़ान कर्मचारियों को मात्र प्रकाशिकी के लिए दी गई है, क्योंकि वे एक स्वचालित प्रणाली से लाभान्वित होंगे जो लगभग एक या दो साल में कोविड के स्तर पर उनके वेतन को बहाल करेगा. यह पायलटों के लिए काम नहीं करेगा.
गैर उड़ान श्रेणी के कर्मचारियों के लिए वेतन में कटौती का भुगतान मूल वेतन वृद्धि और समय-समय पर संशोधित डीए के आधार पर किया जाएगा, जबकि पायलटों के लिए कमी जारी रहेगी, क्योंकि उनके लिए वेतन कटौती की मात्रा असंगत है और नॉन-फ्लायर्स वालों से बहुत ज्यादा है और आने वाले कई वर्षों तक डीए के संशोधनों द्वारा रिकवर नहीं होगा. पायलटों के लिए दोगुना वेतन कटौती की गई है. सबसे पहले, उड़ान संबंधी भत्ते के तहत उन्हें देय न्यूनतम गारंटीकृत राशि को घटाकर और दूसरा, भुगतान की प्रति घंटा दर पर 40 प्रतिशत की कटौती करके उन्होंने दोगुना झटका दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि यह एक मुख्य कारण हो सकता है कि एयर इंडिया में नीति निर्माताओं ने बेसिक भुगतान और डीए को अछूता छोड़ दिया है.
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15 अगस्त को निकाले गए थे 50 पायलट
के पायलटों ने 50 पायलटों की सेवाएं अवैध तरीके से समाप्त करने के मुद्दे को लेकर प्रबंधन से हस्तक्षेप करने की मांग की है. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने शुक्रवार को एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को एक पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि लगभग 50 पायलटों को कंपनी के सेवा नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्मिक विभाग से अवैध समाप्ति पत्र प्राप्त हुए हैं. आईसीपीए ने एक ट्वीट में कहा, क्या हो रहा है? बिना उचित प्रक्रिया अपनाए रातों-रात हमारे लगभग 50 पायलटों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. इस महामारी के समय में राष्ट्र की सेवा करने वालों के लिए यह एक सदमे की बात है.
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दक्षिणी क्षेत्र में 18 केबिन क्रू की सेवाएं समाप्त की गईं
यह भी पता चला है कि दक्षिण में पांच साल पूरे कर चुके कई बेस क्रू के कॉन्ट्रैक्ट का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है. दक्षिणी क्षेत्र में 18 केबिन क्रू की सेवाएं भी समाप्त कर दी गईं हैं. आईसीपीए ने एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जिन पायलटों ने पिछले साल अपने इस्तीफे दे दिए थे और 6 महीने की नोटिस अवधि में अपने इस्तीफे वापस भी ले लिए थे, उन्हें गुरुवार को रात 10 बजे अचानक सेवामुक्त कर दिया गया. पायलटों का आरोप है कि क्रू को उनके इस्तीफों की स्वीकृति और उसके बाद के नोटिस पीरियड आदि के बारे में सूचित नहीं किया गया था.