झारखंड सरकार और केंद्रीय खनन मंत्रालय के बीच झारखंड में छह नये कोल ब्लॉक में खनन कार्य शुरू कराये पर सहमति बन गयी है। शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय खनन मंत्रालय के अपर सचिव एम. नागराजू के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे पर कई नीतिगत निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री के कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में हुई बैठक में झारखंड स्थित 29 कोल ब्लॉकों को चालू करने पर चर्चा हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 9 कोल ब्लॉकों में से 3 कोल ब्लॉक में पहले से ही उत्खनन कार्य प्रारंभ है और आने वाले कुछ महीनों में केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से केरेडारी, चट्टी बरियातू, बदाम, तुबेद, टोकीसूद एवं लोहारी कोल ब्लॉक में उत्खनन कार्य शीघ्र ही चालू हो सकेगा। केंद्रीय खनन मंत्रालय के अपर सचिव नेइन छह कोल ब्लॉकों में उत्खनन कार्य शुरू करने के पहले की प्रक्रियाओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान कहा कि विभिन्न कोयला उत्खनन कंपनियों के आवंटियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि झारखंड के एक्ट का पालन करें। राज्य सरकार के नियम के अनुसार उत्खनन कंपनियों में कार्यरत 75 प्रतिशत मानव बल झारखंड के हों, तय किया जाना चाहिए। इसपर केंद्रीय खनन मंत्रालय के अपर सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि विभिन्न कोयला उत्खनन कंपनियों के आवंटियों के साथ बैठक कर उन्हें इस बाबत निर्देश दिये जायेंगे।
केंद्रीय खनन मंत्रालय के अपर सचिव ने मुख्यमंत्री से कहा कि पाकुड़ जिला स्थित पछवारा कोल ब्लॉक से दुमका तक नया रोड बनाने का कार्य राज्य सरकार की ओर से कराया गया। इससे ट्रांसपोटिर्ंग सुविधा सुलभ हो सकेगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण करने से वहां के वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बेहतर यह हो सकता है कि केंद्र सरकार उस रूट में डेडीकेटेड रेलवे लाइन निर्माण करने का कार्य करें ताकि आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल. ख्यांगते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, खान सचिव पूजा सिंघल, खान निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
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Source : IANS