बजट 2017: नोटबंदी पर मरहम लगाने के लिए इनकम टैक्स में छूट दे सकती है सरकार
नोटबंदी के लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स दोनों में छूट का ऐलान कर सकती है। 2017 का बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
highlights
- नरेंद्र मोदी सरकार कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स दोनों में छूट का ऐलान कर सकती है
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट में मध्य वर्ग को छूट मिलने की संभावना है
New Delhi:
नोटबंदी के लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स दोनों में छूट का ऐलान कर सकती है। 2017 का बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
इससे पहले हालांकि सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में छूट दिए जाने की खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया था। मोदी सरकार की तरफ से अगले बजट में आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किए जाने की खबरों का सरकार ने खंडन कर दिया था।
खबरों के मुताबिक सरकार 4-10 लाख रुपये की आय सीमा पर 10 फीसदी का टैक्स जबकि सालाना 10-15 लाख रुपये की आय वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगाए जाने के बारे में विचार कर रही है।
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तीसरा स्लैब 15-20 लाख रुपये की सालाना आय वाले समूहों का है जिससे 20 फीसदी टैक्स वसूले जाने के प्रस्ताव है जबकि सालाना 20 लाख रुपये से अधिक आमदनी वालों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाए जाने की खबरे सामने आ रही हैं।
इससे पहले आयकर छूट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया था। 2014-15 का बजट पेश करते हुए सरकार ने महिलाओं व पुरुषों के लिए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया था। वहीं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो के लिए इस सीमा को तीन लाख रुपये किए जाने पर विचार किया जा रहा है। पहले पुरुष एवं महिलाओं के लिए आयकर छूट सीमा दो लाख रुपये और बुजुर्गो के लिए 2.5 लाख रुपये थी।
सरकार के प्रवक्ता फ्रैंक नरोन्हा ने इसका खंडन करते हुए कहा, 'आयकर स्लैब को बढ़ाए जाने के बारे में मीडिया में चल रही खबरें मनगढंत और आधारहीन है।' सरकार अगले बजट में डायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर छूट दे सकती है। जीएसटी एक्ट को अगले वित्तीय वर्ष में ही लागू किया जाना है, इसलिए अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर किसी तरह की छूट की गुंजाइश नहीं बचती है।
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वित्त मंत्री कह चुके है कि जीएसटी को अगले वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर महीने के बीच ही लागू होने की उम्मीद है। वहीं कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव किए जाने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले सरकार का आम बजट पेश होगा और इस लिहाज से बजट में मध्य वर्ग के लिए रियायतों का ऐलान किए जाने की संभावना ज्यादा है।
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