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अदाणी कंपनियों एजीईएल, एटीएल ने बतौर सीओपी26 का हिस्सा ऊर्जा सघन लक्ष्यों की घोषणा की

अदाणी कंपनियों एजीईएल, एटीएल ने बतौर सीओपी26 का हिस्सा ऊर्जा सघन लक्ष्यों की घोषणा की

Updated on: 10 Nov 2021, 12:00 AM

नई दिल्ली:

अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा विकासकर्ता और भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की बिजली पारेषण और खुदरा वितरण कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) ने अपने एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्यों को हिस्सा घोषित किया है। सीओपी26 का उद्देश्य मुख्य रूप से सतत विकास लक्ष्य 7 (एसडीजे 7) का पालन करना है।

एसडीजी 7 2030 तक हासिल किए जाने वाले लक्ष्यों के एक सेट को परिभाषित करता है। कंपनियों को सस्ती, विश्वसनीय और आधुनिक ऊर्जा सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है और वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी में काफी वृद्धि करना है।

एजीईएल और एटीएल दोनों ने अपनी सभी गतिविधियों में एसडीजी की उपलब्धि के इर्द-गिर्द अपनी व्यावसायिक रणनीति केंद्रित की है, जिसमें एसडीजी 7 आधारशिला है।

एजीईएल और एटीएल की प्रतिबद्धता भारत सरकार द्वारा लिए गए लक्ष्यों और यूएन एनर्जी कॉम्पेक्ट के प्रति इसकी प्रतिबद्धता का भी समर्थन करेगी।

भारत ने 2030 तक अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता को 450 जीडब्ल्यू तक बढ़ाने और 2025 तक 10 जीडब्ल्यू सौर पीवी निर्माण क्षमता जोड़ने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लिए प्रतिबद्ध किया है।

भारत ने कृषि, भवनों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और उद्योग, परिवहन क्षेत्र व भारत के सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को कम करने के लिए ऊर्जा कुशल उपकरणों/उपकरणों को बढ़ावा देने के प्रति भी प्रतिबद्धता दिखाई है।

एजीईएल ने राष्ट्रीय स्तर पर औसत बिजली खरीद लागत (एपीपीसी) से नीचे औसत टैरिफ के साथ, 2030 तक 45 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, एजीईएल अगले दशक में अक्षय ऊर्जा विकास में 20 अरब डॉलर का निवेश करेगा और वित्तवर्ष 2022-23 तक प्रतिवर्ष 2 गीगावॉट सौर विनिर्माण क्षमता विकसित करेगा।

एटीएल वित्तवर्ष 2023 तक अक्षय ऊर्जा खरीद की हिस्सेदारी को मौजूदा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2030 तक मुंबई में अपनी उपयोगिता सहायक कंपनी के माध्यम से 70 प्रतिशत तक बढ़ाने और राजस्व के आधार पर इसकी कार्बन तीव्रता को कम करने का भरोसा दिया है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन शमन के लिए एसडीजी 13 का समर्थन किया है।

एक पारेषण प्रदाता और ऊर्जा के वितरक के रूप में एटीएल की भूमिका भी स्थायी शहरों और समुदायों पर एसडीजी 11 के अनुरूप है, क्योंकि यह लचीला बुनियादी ढांचा प्रदान करता है और एक सुसंगत और सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए सामुदायिक पहुंच सुनिश्चित करता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.