Employment Rate in India: बंगाल में बढ़ी बेरोजगारी तो MP-राजस्थान और बिहार में जॉब की बहार, NSO सर्वे में हुआ खुलासा

Employment Rate in India: अनइनकापोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे में जो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं वह यह कि आर्थिक रूप से कमजोर या बीमारू राज्यों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं को काम मिला ह

Employment Rate in India: अनइनकापोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे में जो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं वह यह कि आर्थिक रूप से कमजोर या बीमारू राज्यों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं को काम मिला ह

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Prashant Jha
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असंगठित क्षेत्रों में रोजगार पर असर( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Employment Rate in India: भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है. लेकिन, NSO की रिपोर्ट में एक चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. अगर इस रिपोर्ट पर ध्यान दें तो भारत के कुछ राज्यों में तेजी से बेरोजगारी बढ़ी है तो कुछ राज्यों में जमकर नौकरियां बांटी गयी हैं.  2015-16-2022-23 के बीच हुए सर्वे में खुलासा हुआ है कि कुछ राज्यों में इस दौरान नौकरियां घट गईं. वहीं, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोग जॉब पाने में सफल हुए. पिछले सात सालों में पश्चिम बंगाल में असंगठित उद्योगों में सबसे ज्यादा 30 लाख लोगों ने नौकरियां गंवाई. हालांकि, महाराष्ट्र में इसी अंतराल में असंगठित उद्योगों में 34 लाख नई नौकरियां भी मिली हैं.

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)के अनइनकापोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे में ये डेटा सामने आए हैं. एनएसओ ने यह सर्वे 2015-16 से 2022-2023 के बीच किया है. इन 7 वर्षों में देश के 28 में से 13 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में इस सेक्टर में रोजगार तेजी से घटें हैं. इसमें सबसे पहले पश्चिम बंगाल है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक है. यहां पर असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले 13 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा. फिर तमिलनाडु में 12 लाख लोगों की नौकरी चली गई. यूपी में 7.91 लाख, केरल में 6.40 लाख, असम में 4.94 लाख और तेलंगना में 7.91 लाख लोगों को जॉब गंवानी पड़ी.

इन राज्यों में बढ़ीं नौकरियां

गुजरात में 7.62 लाख, ओडिशा में 7.61 और राजस्थान में 7.56 लाख असंगठित क्षेत्र में भी नौकरियां बढ़ी हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से बड़ी संख्या में युवा नौकरी की तलाश में इन राज्यों में पहुंचे. जहां पर लोगों को अच्छी खासी नौकरी मिली.

दिल्ली में घटीं 3 लाख नौकरियां, तो आर्थिक रूप से कमोजर राज्यों में बढ़ी जॉब की डिमांड

केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो दिल्ली में इन 7 सालों के दौरान नौकरियां 3 लाख घट गईं. इस अविधि में 23 लाख नौकरियां थी, लेकिन यह घटकर 19 लाख तक पहुंच गई. चंडीगढ़ में 51 हजार, पुदुचेरी में 32 हजार नौकरियां कम हो गई. एनएसओ के अनुसार, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और यूपी समेत अधिकांश बड़े राज्यों में असंगठित क्षेत्रों में रोजगार तेजी से घटे हैं. आर्थिक रूप से कमजोर माने जाने वाले कुछ राज्यों में इन सात सालों में रोजगार बढ़े हैं. इन राज्यों में असंगठित क्षेत्रों में जॉब की मांग तेजी से बढ़ने लगी. राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में इस दौरान नौकरियां बढ़ी हैं. राजस्थान में 8.8 लाख लोगों को नौकरी मिली है. वहीं, मध्य प्रदेश और बिहार में इस दौरान 6-6 लाख नौकरियां बढ़ी है. झारखंड में 4 लाख, पंजाब और हरियाणा में 3-3 लाख नौकरियां बढ़ी हैं. अनइनकापोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे में देश के अलग-अलग हिस्सों से आकंड़े जुटाए गए. 

Source : News Nation Bureau

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