दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के हिस्सेदारी खरीदने के बाद अब अबू धाबी की नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) ने भी महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 44 अरब डॉलर की लागत से शुरू हो रही रिफाइनरी-सह-पेट्रोकेमिकल परियोजना में हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एडनॉक की हिस्सेदारी लेने के लिए एक प्रारंभिक समझौते पर रविवार को संयुक्त अरब अमीरात में हस्ताक्षर किये जाएंगे।
इससे पहले विश्व की सबसे बड़ी ऑयल निर्माता कंपनी सऊदी अरामको ने पिछले महीने रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना में 50 फीसदी की हिस्सेदारी लेने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
महाराष्ट्र में लगने वाले इस प्रोजेक्ट में सऊदी कंपनी अरामको और रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (आरआरपीएल) की बराबरी की हिस्सेदारी होगी। आरआरपीएल, इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम का ज्वाइंट वेंचर होगा।
इस प्रोजेक्ट की क्षमता सालाना 1.8 करोड़ टन उत्पादन की होगी। भारत में लगने वाला यह पेट्रोकेमिकल प्लांट दुनिया की बड़ी रिफाइनरियों में से एक होगा।
अप्रैल में हुए समझौते के मुताबिक, अरामको रिफाइनरी के लिए आवश्यक कच्चे तेल की आधी आपूर्ति करेगा जिसे 2025 तक चालू किया जाएगा जिसमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पास 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
पिछले साल सऊदी अरब ने इंडोनेशिया और मलेशिया की रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश किया था जो काफी लंबे समय तक कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए हुआ है।
भारत के पास अब 232.066 मिलियन टन तेल रखने की क्षमता है, जोकि 2016-17 के वित्त वर्ष में 194.2 मिलियन टन थी।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) के अनुसार, 2040 तक यह मांग 458 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। आईओसी में कुल 11.2 रिफाइनरियां हैं जिनकी कुल क्षमता 81.2 मीट्रिक टन है, जबकि बीपीसीएल के पास चार रिफाइनरी के जिनकी कुल क्षमता 33.4 मीट्रिक टन है। एचपीसीएल की कुल तीन रिफाइनरियां हैं जिनकी कुल क्षमता 24.8 मीट्रिक टन है।
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Source : News Nation Bureau