स्टार्टअप्स में फंडिंग की कमी और छंटनी की खबरों के बीच बेंगलुरु में स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रतिस्पर्धता के दम पर फलफूल रहा है और इंजीनियरों के लिए यहां का जॉब मार्केट अब भी गुलजार है।
उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि मात्र दो सप्ताह के अंदर बेंगलुरु में 9,000 कर्मचारियों को काम पर से निकाला गया। इनमें से अधिकतर कर्मचारी ऑपरेशन टीम या एचआर टीम में काम कर रहे थे। कोर टीम कहे जाने वाले इंजीनियरों पर अभी तक छंटनी की तलवार नहीं गिरी है।
निवेशक अब दीर्घकालिक विकास दर ध्यान नहीं दे रहे हैं। निवेशकों का पूरा ध्यान अब सिर्फ मौजूदा वास्तविक आय पर है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, आईटी और बीटी कंपनियां कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने से चिंतित हैं और उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण कुशल कर्मचारियों की खोज है।
सूत्रों का कहना है कि वैश्विक रूझानों और आने वाले साल में अमेरिका में आर्थिक सुस्ती की आशंका के कारण निवेशक अब अधिक सतर्कता बरत रहे हैं और स्टार्टअप्स को अधिक जवाबदेह होना पड़ रहा है। हालांकि, इससे रोजगार का माहौल नहीं बदला है। स्टार्टअप्स दिग्गज आईटी कंपनियों जैसे पैकेज ऑफर कर रहे हैं और युवा भी जोखिम लेने के लिए तैयार हैं।
इस प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए आयल के संस्थापक एवं सीईओ एबल जोसेफ ने आईएएनएस से कहा कि कारोबार के शुरूआती वर्षो में संस्थापकों को हर दिन अपनी टीम के साथ बैठकर काम करने पर विचार करना चाहिए। उन्हें कारोबारी समस्याओं का हल निकालने के लिए हमेशा मौजूद रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि संस्थापक फंड जुटाने पर अधिक ध्यान देने के बजाय अपने प्रबंधकों और टीम के मार्गदर्शन के लिए तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए सामने मौजूद रहें। संस्थापक सामने उपस्थित होकर उन्हें अपने दृष्टिकोण के बारे में बतायें।
उनके मुताबिक सभी स्टार्टअप को टीम बनाने के लिए, एक सार्थक कारोबार खड़ा करने के लिए, नवाचार करने के लिए, विस्तार करने के लिए और वैश्विक ब्रांड के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए वेंचर कैपिटल की जरूरत नहीं होती है। आयल ने बिना किसी वेंचर कैपिटल के यह सब हासिल किया है।
कुछ ऐसी ही बात स्टार्टअप नॉरडिश के सीटीओ और संस्थापक सब्यसाची दास कहते हैं। नॉरडिश ने मोबाइल फोन के लिए दुनिया का पहला अल्युमिनियम ग्रैफिन पाउच विकसित किया है। सब्यसाची कहते हैं कि ये सब अमीर पिता की बिगड़ी औलादों की तरह हैं। ये लोग आरामतलबी हो गये हैं और इसीलिए जब एक दिन पापा कहते हैं कि उनके पास कोई पैसे नहंी है तो वे इस शॉक को झेल नहीं पाते हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS