वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब को ख़त्म करने के संकेत दिए है।
अरुण जेटली ने कहा कि जैसे-जैसे राजस्व में बढ़ोतरी होगी वैसे ही टैक्स स्लैब के विलय करने और 28 प्रतिशत के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या कम करने पर विचार किया जाएगा।
जेटली ने 12 फीसदी और 18 फीसदी की दर को एक में मिलाने का संकेत देते हुए कहा, 'करों को तर्कसंगत बनाने का काम समय से पहले शुरू कर दिया गया है और भविष्य का युक्तिकरण राजस्व संग्रह पर निर्भर करेगा।'
जेटली ने कहा कि आगे चलकर 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में सिगरेट, शराब और लग्ज़री आइटम जैसी कुछ ख़ास वस्तुएं ही रह जाएगी।
बता दें कि 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में एक कर व्यवस्था के तहत जीएसटी लागू किया गया और वस्तुओं को 5,12,18 और 28 प्रतिशत के चार टैक्स स्लैब के अंतर्गत डाल दिया गया।
नोटबंदी और GST के झटके से उबरी अर्थव्यवस्था, 2017-18 की दूसरी तिमाही में 6.3% हुई GDP
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ों में वृद्धि की सराहना करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि पांच तिमाहियों के बाद अर्थव्यवस्था में आई तेजी आगे भी वृद्धि का संकेत है और आनेवाली तिमाहियों में इसमें और भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
जेटली ने कहा कि अगर कोई साल 2014 के मई से गणना करे तो कुल 13 तिमाहियों में अर्थव्यवस्था ने आठ बार सात फीसदी का विकास दर हासिल किया है। हम केवल एक बार छह फीसदी से नीचे आए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि से वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर बढ़कर 6.3 फीसदी रही, जिसने पिछली पांच तिमाहियों से हो रही गिरावट का सिलसिला तोड़ा है।
क्रमिक आधार पर देश की जीडीपी दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में यह 5.7 फीसदी थी।
जेटली ने कहा-पीछे छूट गया नोटबंदी और GST का असर, आने वाले दिनों में और मजबूत होगी GDP
Source : News Nation Bureau