यस बैंक (Yes Bank) ने बुधवार को कहा कि उसका कामकाज पहले की तरह शुरू हो गया है और ग्राहकों के लिए उसकी सभी सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं. यस बैंक ने ट्विटर पर लिखा है कि हमारी बैंक सेवाएं फिर से परिचालन में आ गई हैं. आप हमारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. सहयोग और धैर्य के लिए धन्यवाद. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक (RBI) ने पांच मार्च को बैंक पर पाबंदी लगा दी थी. इसके तहत ग्राहकों को तीन अप्रैल तक अपने खाते से 50,000 रुपये तक निकालने की छूट दी गई थी. सरकार ने पिछले सप्ताह पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किया.
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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने पिछले दिनों प्रेसवार्ता में कहा था कि यस बैंक (Yes Bank) के ग्राहकों को राहत देने के लिए बड़ी तेजी से काम किया जा रहा है. येस बैंक से पैसा निकालने के लिए लगाई गई रोक बुधवार से हटा दी जाएगी. यानी अब ग्राहक अपने खातों से 50 हजार रुपये से अधिक निकाल सकेंगे. आरबीआई गर्वनर ने यह भी कहा कि भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ को कोरोना वायरस (Corona Virus) से बड़ा झटका लगेगा.
Share Market : गिरते बाजार में चार दिनों में यस बैंक के शेयर ने दिया 251 प्रतिशत रिटर्न, लेकिन अब...
वहीं, यस बैंक के शेयरों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र के दौरान तेजी रही. एसबीआई ने कहा कि वह बैंक में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी हासिल करने का इच्छुक है. इसके बाद उसके शेयरों में 50 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला. शुरुआती कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर 49.95 प्रतिशत बढ़कर 87.95 रुपये पर पहुंच गए. एनएसई में यस बैंक के शेयर 48.84 प्रतिशत बढ़कर 87.30 रुपये के भाव पर थे. इस तरह चार दिनों में शेयर 251 प्रतिशत बढ़ गया है. इससे पहले मूडीज ने मंगलवार को यस बैंक की रेटिंग को अपग्रेड किया था, जिसके बाद उसके शेयरों में 59 फीसदी की छलांग देखने को मिली.
बैंक की पुनर्गठन योजना की घोषणा के बाद से उसके शेयरों में लगातार तेजी है. भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी करीब 43 प्रतिशत है और अब तीन साल की लॉक-इन अवधि से पहले उनका बैंक यस बैंक के एक भी शेयर नहीं बेचेगा. उन्होंने कहा कि वह बोर्ड से यस बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बात करेंगे. एसबीआई को शुरुआत में यस बैंक की इक्विटी पूंजी में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करके 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी लेनी थी, लेकिन जैसे ही सात अन्य ऋणदाता आए, एसबीआई केवल 43 प्रतिशत या 60.50 करोड़ शेयर ही खरीद सका.
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इस तरह उसने 6,050 करोड़ रुपये का निवेश किया. रजनीश कुमार ने कहा, चूंकि निवेशकों की प्रतिक्रिया बेहत उत्साहजनक थी, इसलिए पूंजी जुटाने के पहले दौर में हमने केवल इतना हिस्सा ही लिया. उन्होंने कहा, वास्तव में, मैं अपने बोर्ड से हिस्सेदारी लेने के अधिकतम स्वीकार्य स्तर 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति लेने के लिए उत्सुक हैं और यह मेरी प्रतिबद्धता है कि एसबीआई तीन साल के लॉक-इन से पहले एक भी शेयर नहीं बेचेगा.