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आम आदमी को अभी लगता रहेगा झटका, महंगी सब्जियों और फलों से जल्द राहत मिलने के आसार नहीं

कारोबारी बताते हैं कि हरी-साग सब्जियों की नई फसल की आवक शुरू होने में कम से कम एक महीना लगेगा और नई फसल की आवक जोर पकड़ने पर ही सब्जियों की कीमतों में नरमी आएगी.

Updated on: 16 Sep 2020, 07:47 AM

नई दिल्ली:

Vegetable & Fruits Price Hike: बीते महीने अगस्त के दौरान देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर में थोड़ी नरमी रही, लेकिन सब्जियों (Latest Vegetable News) की महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई और सब्जियों की महंगाई से जल्द राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. कारोबारी बताते हैं कि हरी-साग सब्जियों की नई फसल की आवक शुरू होने में कम से कम एक महीना लगेगा और नई फसल की आवक जोर पकड़ने पर ही सब्जियों की कीमतों में नरमी आएगी. बीते महीने अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.69 फीसदी दर्ज की गई, जबकि जुलाई में 6.73 फीसदी दर्ज की गई थी. वहीं, सब्जियों की महंगाई दर अगस्त में 11.41 फीसदी दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 11.29 फीसदी थी.

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रिटेल में 60 से 90 रुपये प्रति किलो बिक रहा है टमाटर
हरी साग-सब्जियों (Vegetable Price) की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जून से ही शुरू हो गया था, लेकिन जुलाई और अगस्त में कीमतें आसमान छू गईं. टमाटर का थोक भाव जो दिल्ली की मंडियों में मई और जून में दो रुपये प्रति किलो से भी कम हो गया था, वहां अब थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो तक चला गया है. खुदरा टमाटर इस समय 60 से 90 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. टमाटर समेत तमाम हरी-सब्जियों के साथ आलू और प्याज की कीमतों में भी अप्रत्याशित इजाफा हुआ है, क्योंकि आलू और प्याज के उत्पादन में बीते फसल वर्ष के दौरान वृद्धि हुई थी. प्याज की घरेलू उपल्ब्धता बढ़ाकर कीमतों में वृद्धि पर नियंत्रण के मद्देनजर भारत सरकार ने सोमवार को प्याज के सभी वेरायटी के निर्यात पर रोक लगा दी है.

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आलू का खुदरा भाव भी बीते दो महीने में करीब दोगुना बढ़ गया है, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है. चैंबर्स ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने बताया कि बरसात में फसल खराब हो जाने से सब्जियों की कीमतें उंची चल रही हैं और नई फसल की आवक 15 अक्टूबर के बाद ही शुरू होगी, इसलिए फिलहाल सब्जियों की कीमतों में गिरावट आने की संभावना कम है. उन्होंने कहा कि फलों के दाम में बीते दिनों गिरावट दर्ज की गई है और आवक बढ़ने से थोड़ी और नरमी आ सकती है,लेकिन त्योहारी सीजन में मांग तेज रहने से कीमतों में अब ज्यादा गिरावट नहीं आएगी. कृपलानी ने कहा कि प्याज के निर्यात पर रोक लगने से कीमतों में स्थिरता रह सकती है.

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निर्यात प्रतिबंध से प्याज के दाम में बढ़ोतरी पर लगेगी रोक
आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने भी कहा कि निर्यात प्रतिबंध से प्याज के दाम में वृद्धि पर विराम लगेगा. शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत में प्याज की फसल खराब होने से आपूर्ति में कमी का संकट बना हुआ है, इसलिए सरकार को निर्यात पर प्रतिबंध के साथ-साथ आयात करने पर भी विचार करना चाहिए। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था. देश में बीते फसल वर्ष 2019-20 में प्याज का उत्पादन 267.4 लाख टन हुआ था, जबकि इससे पहले 2018-19 में 228.2 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था. आजादपुर मंडी में मंगलवार को प्याज का थोक भाव 13 रुपये से 27.50 रुपये प्रति किलो और आलू का 12 रुपये से 51 रुपये प्रति किलो था। वहीं, टमाटर का थोक भाव 12 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो था.

दिल्ली-एनसीआर में रविवार को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रतिकिलो)
आलू 40-50, फूलगोभी-140, बंदगोभी-60, टमाटर 60-90, प्याज 40-50, लौकी/घीया-60, भिंडी-60, खीरा-60, कद्दू-50, बैंगन-60, शिमला मिर्च-100, पालक-80, कच्चा पपीता-50, कच्चा केला-60, तोरई-50, करेला-60, परवल 80-100, लोबिया-80.

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जून में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)
आलू 20-25, गोभी 30-40, टमाटर 20-30, प्याज 20-25, लौकी/घीया-20, भिंडी-20, खीरा-20, कद्दू 10-15, बैंगन-20, शिमला मिर्च-60, तोरई-20, करेला 15-20.