केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने गन्ना किसानों के हित के लिए बड़ी घोषणा की है. दरअसल, केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट (Sugar Export) करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी (Export Subsidy) देने की घोषणा की है. सरकार ने चीनी एक्सपोर्ट के लिए 6,268 करोड़ रुपये सब्सिडी की घोषणा की है. इसके अलावा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी का पैसा सीधे उनके खाते में जाएगा.
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2019-20 के लिए चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति मीट्रिक टन एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला
बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 2019-20 के लिए चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति मीट्रिक टन एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि चीनी एक्सपोर्ट पर दिए जाने वाली सब्सिडी पर कुल 6,268 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है. बता दें कि जुलाई में कैबिनेट द्वारा 40 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी दी गई थी.
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सरकार ने बफर स्टॉक के लिए करीब 1700 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा भी की गई थी. सरकार ने अगले सीजन के लिए गन्ने की कीमतों (Fair And Remunerative Price-FRP) में बढ़ोतरी नहीं करने की भी घोषणा की है. बता दें कि मौजूदा समय में गन्ने की FRP 275 रुपये प्रति क्विंटल
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चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी की घोषणा से किसानों, मिलों को मिलेगा फायदा: ISMA
निजी चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के महानिदेशक अविनाश वर्मा के मुताबिक सरकार द्वारा एक्सपोर्ट सब्सिडी की घोषणा से न सिर्फ चीनी के भंडार में कमी आएगी बल्कि इससे सब्सिडी समेत तकरीबन 18,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नकदी प्रवाह बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इससे मिलों को लागत और ब्याज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और वे किसानों को समय पर गन्ने के दाम का भुगतान कर पाएंगे.
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उन्होंने कहा कि अगले साल दुनियाभर में चीनी की सप्लाई में करीब 40 लाख टन की कमी आने की उम्मीद है और भारत सरकार द्वारा डब्ल्यूटीओ के प्रावधानों के अनुरूप 10,448 रुपये प्रति टन की दर से निर्यात सब्सिडी की घोषणा समय पर किए जाने से भारतीय चीनी मिलें 60 लाख टन चीनी का निर्यात करने में समक्ष होंगी. (इनपुट आईएएनएस)