Rupee Open Today 8 April 2021: डॉलर के मुकाबले सुस्त पड़ी रुपये की चाल, जानिए रुपये में कमजोरी की 5 बड़ी वजह
Rupee Open Today 8 April 2021: हाजिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को बीते सत्र से 1.12 रुपये यानी 1.53 फीसदी की कमजोरी के साथ 74.55 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ.
highlights
- बीते सत्र में रुपये में अगस्त के बाद की सबसे बड़ी एक दिन ही गिरावट दर्ज की गई
- जानकार बताते हैं कि रुपया दोबारा 75 रुपये प्रति डॉलर के पार जा सकता है
मुंबई:
Rupee Open Today 8 April 2021: कोरोना के गहराते कहर और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद देसी करेंसी रुपये की चाल कमजोर पड़ गई है. बीते सत्र में देसी करेंसी में अगस्त के बाद की सबसे बड़ी एक दिन ही गिरावट दर्ज की गई. जानकार बताते हैं कि रुपया दोबारा 75 रुपये प्रति डॉलर के पार जा सकता है. हाजिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को बीते सत्र से 1.12 रुपये यानी 1.53 फीसदी की कमजोरी के साथ 74.55 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी व एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि देश में कोरोना का प्रकोप दोबारा बढ़ने से विभिन्न शहरों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधात्मक उपाय किए जाने से देसी करेंसी की चाल कमजोर पड़ गई है. उन्होंने बताया कि देसी करेंसी में 75 से 75.50 रुपये प्रति डॉलर के बीच कारोबार देखने को मिल सकता है.
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डॉलर के मुकाबले रुपया करीब चार महीने के निचले स्तर पर
उधर, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति (RBI Credit Policy 2021) को आगे भी समायोजी बनाए रखने के संकेत देने का भी असर देसी करेंसी पर दिखा. आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के नतीजे आने के बाद रुपये में अगस्त के बाद की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट दर्ज की गई. डॉलर के मुकाबले रुपया करीब चार महीने के निचले स्तर पर चला गया है. केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि कोरोना के कहर के साथ-साथ वैश्विक कारणों से विदेशी पूंजी का प्रवाह थमने के कारण भी देसी करेंसी की चाल सुस्त पड़ गई है.
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देसी करेंसी में कमजोरी के ये हैं मुख्य कारण
- 1. कोविड-19 का प्रकोप दोबारा गहराने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद पड़ने की आशंका.
- 2. अमेरिका में 10 साल के बांड की यील्ड बढ़ने और डॉलर में मजबूती आने से विदेशी पूंजी के इन्फ्लो में कमी.
- 3. केंद्रीय बैंक ने जीएसएपी के तहत इस तिमाही के दौरान सेकेंडरी मार्केट से एक लाख करोड़ बांड खरीदने का एलान किया है.
- 4. देश की कैपिटल मार्केट में विदेशी संस्थागत निवेशकों की विकवाली में इजाफा.
- 5. कच्चे तेल में तेजी का असर क्योंकि कच्चा तेल महंगा होने से तेल आयात के लिए डॉलर की मांग बढ़ने से देसी करेंसी पर दवाब स्वाभाविक है.
- इनपुट आईएएनएस
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