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गेंहू के बाद अब चावल की बारी! एक्सपोर्ट पर सरकार लेगी बड़ा फैसला

Rice Export Ban: पिछले कुछ समय में देश में चावल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले पांच दिनों के आंकड़े बताते हैं कि चावल की कीमत में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.

Updated on: 28 Jun 2022, 02:10 PM

highlights

  • घरेलू बाजारों ही नहीं बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी कीमतों में उछाल
  • पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में 20 फीसदी उछाल हुआ दर्ज

नई दिल्ली:

Rice Export Ban: चावल की कीमतों में तेजी के बाद बहुत जल्द सरकार गेंहू के निर्यात के बाद चावल के निर्यात पर रोक लगा सकती है. चावल के निर्यात पर रोक का फैसला महंगाई को काबू में लाने के लिए उठाया जा सकता है. जाहिर पिछले कुछ समय में देश में चावल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले पांच दिनों के आंकड़े बताते हैं कि चावल की कीमत में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. चावल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी केवल घरेलू बाजारों ही नहीं बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी देखने को मिली है. इसकी एक बड़ी वजह बांग्लादेश भी  सामने आया है.

बांग्लादेश ने घटाया  इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ 
दरअसल 22 जून को ही बांग्लादेश ने एक नोटिफिकेशन जारी कर गैर बासमती चावल के आयात को मंजूरी दे दी है. वहीं बांग्लादेश इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ के रेट्स को भी 62.5 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर चुका है. बांग्लादेश के इस फैसले के बाद चावल की कीमत में तेजी दर्ज हुई है. भारतीय गैर-बासमती चावल का रेट  350 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन हो गया है.

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भारत के इन राज्यों में चावल की कीमत में 20 फीसदी तक का उछाल
देश के तीन राज्यों जिनसे बड़ी मात्रा में दूसरे देशों को चावल पहुंचाया जाता है उनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल है. इन्हीं तीन राज्यों में चावल की कीमतों में 20 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है. वहीं दूसरे राज्यों में भी चावल की कीमत में 10 फीसदी तक का उछाल दर्ज हुआ है.

वित्त मंत्रालय का फैसला लगाएगा अब बढ़ती महंगाई पर रोक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय चावल के निर्यात पर रोक लगा सकती है. बहुत जल्द सरकार इस पर बड़ा फैसला ले सकती है. चावल के निर्यात पर बैन लगाने से उन देशों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा जो भारत से चावल का आयात करते हैं. इन देशों में नेपाल, चीन, फिलीपींस जैसे देश शामिल हैं, हालांकि अभी तक इस तरह कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.