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आम आदमी को बड़ी राहत, आधार नंबर (Aadhaar) नहीं जुड़े होने पर भी रद्द नहीं होगा राशन कार्ड (Ration Card)

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस (PDS) के किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड सिर्फ इस वजह से रद्द नहीं होगा कि उसने आधार नंबर (Aadhaar) से राशन कार्ड (Ration Card) को नहीं जोड़ा है.

Updated on: 12 May 2020, 07:39 AM

नई दिल्ली:

राशन कार्ड (Ration Card) को आधार नंबर (Aadhaar) से जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 कर दी गई है और इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस (PDS) के किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड सिर्फ इस वजह से रद्द नहीं होगा कि उसने आधार नंबर से राशन कार्ड को नहीं जोड़ा है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण बिहार में आधार नंबर नहीं होने की वजह से राशन कार्ड निरस्त होने संबंधी एक खबर पर दिया है.

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राशन कार्ड से आधार नंबर की सीडिंग पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर
मंत्रालय ने कहा कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से दिनांबर सात फरवरी, 2017 को जारी अधिसूचना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी लाभार्थियों के राशन कार्ड से उनके आधार नंबर की सीडिंग पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 तक कर दी गई है. विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उक्त तिथि तक किसी भी सही लाभार्थी को सिर्फ इस वजह से खाद्यान्न के कोटे से वंचित नहीं किया जाएगा कि उनका राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा नहीं है और सिर्फ इस आधार पर किसी भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया जा सकता है और न ही राशन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है.

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एनएफएसए के तहत किसी को खाद्यान्न से वंचित नहीं किया जाएगा
विभाग ने इस संबंध में फिर निर्देश जारी करते हुए कहा कि लाभार्थियों के बायोमेट्रिक या आधार की पहचान नहीं हो पाने की वजह से एनएफएसए के तहत किसी को खाद्यान्न से वंचित नहीं किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि मौजूदा संकट के दौरान व्यावहारिक नजरिया रखने की जरूरत है, ताकि कोई गरीब और योजना के योग्य लाभार्थी परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित न रहे।

विभाग ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयास से कुल 23.5 करोड़ राशन कार्ड में से तकरीबन 90 फीसदी कार्ड को पहले ही आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है, जबकि पीडीएस के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों में से 85 फीसदी के आधार नंबर उनके संबंधित राशन कार्ड से जोड़े जा चुके हैं.