FMCG Market: हम सबके जीवन में रोजमर्रा के समानों का काफी रोल होता है. इसके इस्तेमाल में और उपभोग में काफी पैसा और टाइम जाता है. इसकी वजह से कई तरह की समस्यां से दो चार होना पड़ता है. इसकी कीमते घटते बढ़ते रहते हैं. लेकिन वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियां डेली यूज के सामानों के रेट घटाने का काम कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इन कंपनियों को लोकल ब्रांड्स के जरिए कड़ी टक्कर मिल रही है. इन टक्कर की वजह से कंपनियों को अपनी पॉलिसी में बदलाव करना पड़ रहा है.
कहा जा रहा है कि लोकल कंपनियां और ब्रांड कम रेट में लोगें को सामान उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं. इसकी वजह से बड़ी कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है. इसमें हिंदुस्तान यूनिलीवर, पारले, मैरिको, पी एंड जी अडानी विल्मर जैसी कंपनियां शामिल है. जानकारी के अनुसार देखा जा रहा है कि पिछले 6 से 9 महीनों में इन बड़ी कंपनियों को अपनी पॉलिसी में बदलाव करना पड़ा है. देखा जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में कंपनियों ने अपने सामानों के दाम या तो कम किए हैं या तो पैकेट के वजन में बढ़ोतरी की है.
एड पर ज्यादा खर्च
कंपनियों ने इसके साथ ही अपने एड पर अपने खर्च को बढ़ाने का काम किया है. हम सब देख सकते हैं कि कई प्रोडक्ट के एड पहले की अपेक्षा अब ज्यादा दिखाई देना लगा है. कंपनियां चाहती है कि हर हालत में उनकी बिक्री और मार्केट शेयर कम न हो. इसके लिए ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर और तरीके अपना रहे हैं. कंपनियां ये मानकर चल रही है कि इन सब प्रयासों के बदौलत वो अपनी बिक्री को बढ़ा पाएंगे. वहीं कंपनियों को इसका लाभ अब दिखाई देने लगा है.
ई कॉमर्स का बड़ा सहारा
देखा जा रहा है कि लोकल कंपनियों ने अपने अच्छे प्रोडक्ट और कम कीमतों की वजह से बड़ी कंपनियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट की मानें तो कोविड काल के बाद से ही लोकल सामान पर लोगों का जोर देखा जा रहा है. वहीं इन कंपनियों के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म ऑनलाइन मार्केट बनकर उभरा है. यहां से लोकल ब्रांड्स पूरे भारत में अपने सामान के बेच रहे हैं. इनकी वजह से कुछ कंपनियों को लाभ हुआ है.
Source : News Nation Bureau