logo-image

आलू के दाम में भारी गिरावट, किसानों के लिए लागत निकालना भी हुआ मुश्किल

Potato Latest News: उत्तर प्रदेश के कानपुर के प्रगतिशील किसान भंवरपाल ने कहा कि आलू का भाव इस समय इतना गिर गया है कि किसानों के लिए आलू की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है.

Updated on: 22 Mar 2021, 08:56 AM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की तकरीबन 67 फीसदी क्षमता तक आलू का भंडारण हो चुका है
  • बेहतर क्वालिटी के आलू का भाव किसानों को 800 से 900 रुपये प्रतिक्विंटल तक मिल रहा है

नई दिल्ली:

Potato Latest News: आलू के दाम में भारी गिरावट आने से किसानों के लिए लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. आलू (Potato Price) पिछले साल के मुकाबले इस साल थोक मंडियों में करीब एक तिहाई दाम पर बिकने लगा है। देश में आलू की बंपर पैदावार है, इसलिए किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने से भी ज्यादा दाम मिलने की उम्मीद नहीं है. फिर भी देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की तकरीबन 67 फीसदी क्षमता तक आलू का भंडारण हो चुका है. उत्तर प्रदेश के कानपुर के प्रगतिशील किसान भंवरपाल ने कहा कि आलू का भाव इस समय इतना गिर गया है कि किसानों के लिए आलू की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में खेतों में किसानों को अच्छी क्वालिटी के आलू का भाव करीब 400 रुपये प्रतिक्विंटल, जबकि मंडियों में 500 रुपये प्रतिक्विंटल मिल रहा है. हालांकि, उत्तर प्रदेश में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बेहतर क्वालिटी के आलू का भाव किसानों को 800 से 900 रुपये प्रतिक्विंटल तक मिल रहा है.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today 22 March 2021: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोने-चांदी में क्या करें, देखें टॉप ट्रेडिंग कॉल्स

कई मंडियों में आलू का भाव 400 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे तक भाव गिरा

अधिकारी कहते हैं कि आलू की प्रति हेक्टेयर पैदावार पिछले साल से ज्यादा है, इसलिए किसानों की लागत की भरपाई करने में बहुत कठिनाई नहीं होनी चाहिए. सरकारी पोर्टल एगमार्कनेट पर उपलब्ध रोजाना कीमत सूची पर नजर डालें तो कई मंडियों में आलू का भाव 400 रुपये प्रतिक्विंटल से नीचे तक भाव गिरा है, जबकि दो-चार मंडियां ऐसी भी हैं, जहां आलू का भाव में 900 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊंचा रहा है. किसानों से मिली जानकारी के अनुसार, बंगाल और गुजरात में आलू का भाव 300 रुपये से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया है. कमोबेश ऐसी ही स्थिति बिहार में भी है.

यह भी पढ़ें: MSP पर खरीद में कई राज्यों ने शुरू की किसानों की बायोमैट्रिक पहचान

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीज के लिए आलू की मांग इस समय काफी ज्यादा है, क्योंकि पिछले साल बीज की किल्लत पड़ गई थी, जिसके कारण किसानों को काफी ऊंचे दरों पर बीज खरीदनी पड़ी थी. भंवरपाल ने कहा कि दरअसल बीज महंगा होने और खेती की लागत बढ़ जाने के कारण ही किसानों के लिए आलू की खेती घाटे का सौदा साबिह हो रही है. उन्होंने बताया कि कई किसान अब इसलिए भी कोल्ड स्टोरेज में आलू रखना नहीं चाहते हैं कि उनकी लागत और बढ़ जाएगी, जबकि कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडारण ज्यादा होने से आगे फिर कहीं औने-पौने भाव पर न बेचना पड़े.