logo-image

आलू और प्याज की महंगाई ने बिगाड़ा आम जनता का बजट

थोक विक्रेताओं का यह भी कहना है कि जल्द ही आलू और प्याज दोनों की ही नई फसल मार्केट में आ जाएगी जिसके बाद आलू और प्याज के दाम कम हो जाएंगे.

Updated on: 02 Nov 2020, 10:52 AM

नई दिल्ली:

आलू (Potato) और प्याज (Onion Price) दोनों ही प्रमुख सब्जियां हैं लेकिन इन दिनों दोनों ही बहुत महंगी चल रही है. बात अगर आलू की करें तो आलू 40 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो थोक मार्केट में बेचा जा रहा है जबकि प्याज 60 रुपये से 70 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है. गाजियाबाद पुराना बस स्टैंड स्थित सब्जी मंडी में आलू और प्याज के रेट कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. थोक विक्रेताओं का कहना है कि पीछे से ही आलू और प्याज कम मात्रा में है जिसकी वजह से आलू और प्याज के दाम बढ़े हुए हैं. 

यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए एक और राहत पैकेज ला सकती है मोदी सरकार

आलू और प्याज की नई फसल आने के बाद कम हो जाएंगी कीमतें: कारोबारी
वहीं दूसरी तरफ सब्जी खरीदने आए लोगों का कहना है कि आलू और प्याज ने पूरी तरह से घर का बजट बिगड़ा हुआ है. हालांकि थोक विक्रेताओं का यह भी कहना है कि जल्द ही आलू और प्याज दोनों की ही नई फसल मार्केट में आ जाएगी जिसके बाद आलू और प्याज के दाम कम हो जाएंगे. पुराना बस अड्डा सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्री पाल यादव का कहना है कि लॉकडाउन और बारिश की वजह से फसल की ख़राब हो गई थी, जिसकी वजह से आलू और प्याज के दाम बढ़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें:  Gold Rate Today: सोने-चांदी में आज उठापटक की आशंका, जानें बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स

रिटेल मार्केट में सब्जी को कुछ और महंगी दरों पर इनको बेचा जाता है रिटेल मार्केट में आलू 60 रुपये प्रति किलो और प्याज 70 से 80 रुपये प्रति किलो बेची जाती है. बता दें कि लखनऊ के थोक बाजार में इस समय आलू की कीमत 35 से 37 रुपये प्रति किलो है. फुटकर बाजार में पुराना आलू 40 रुपये प्रति किलो और नया आलू 60 रुपये प्रति किलो है. थोक बाजार में प्याज 55 रुपये और फुटकर में 70 रुपये बिक रहा है. 

दिल्ली, मुंबई और चेन्नई समेत देश के बड़े शहरों के सोने-चांदी के आज के रेट जानने के लिए यहां क्लिक करें

गौरतलब है कि आलू और प्याज ने आम जनता का बजट को बिगाड़ ही रखा है लेकिन अब एक उम्मीद जताई जा रही है नई फसल आने के बाद दोनों के ही दामों में कमी देखने को मिलेगी देखना होगा कब तक आम जनता को राहत मिल पाती है.