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किसानों को उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाएंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है. जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होने वाले हैं.

Updated on: 29 Aug 2020, 01:55 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को झांसी में राष्ट्रीय महत्व के रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया. इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन का भी उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 6 साल पहले जहां देश में सिर्फ 1 केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज 3 सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज़ देश में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और मोतीहारी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग (Mahatma Gandhi Institute for Integrated Farming) की स्थापना की जा रही है.

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उन्होंने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है. जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होने वाले हैं. जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है. उन्होंने कहा कि देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है.

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युवा रिसर्चर और युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा: नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा कि कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी. आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है- मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा और कृषि की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा रिसर्चर को युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि इससे दो लाभ होंगे एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा. दूसरा लाभ ये होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा.

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कृषि से जुड़ी शिक्षा को स्कूल के स्तर तक ले जाना जरूरी
उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है. प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए. एक तरह से बुंलेदखंड में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है. गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत यूपी में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है, जिसके तहत लाखों कामगारों को रोज़गार उपलब्ध हो रहा है. मुझे बताया गया है कि इस अभियान के तहत यहां बुंदेलखंड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया है.