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भारत में 7 रुपये तक महंगा हो सकता है पेट्रोल, क्रूड के दामों में 28 साल की सबसे बड़ी तेजी

इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 20 फीसदी की तेजी आई. 1991 के बाद इंट्रा-डे (एक दिन में) में यह सबसे बड़ी तेजी है.

Updated on: 16 Sep 2019, 01:31 PM

नई दिल्‍ली:

सोमवार को ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) की कीमतों में 28 साल का सबसे बड़ा उछाल आया है. यह उछाल तब आया है, जब दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक (Oil Producer) कंपनी सऊदी आरामको (Saudi Aramco) पर ड्रोन हमला (Drone Attack) किया गया है. इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 20 फीसदी की तेजी आई. 1991 के बाद इंट्रा-डे (एक दिन में) में यह सबसे बड़ी तेजी है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत में भी पेट्रोल की कीमतों में बड़ा उछाल आ सकता है. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि आगामी दिनों में पेट्रोल के दामों में 5 से 7 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हो सकती है.

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कच्चे तेल के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है. ऑयल प्राइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के बाद प्रतिमाह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल (Crude Oil) की कमी हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ऐसा होता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं. सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुला अजिज बिन सलमान ने शनिवार को कहा था कि ड्रोन हमलों (Drone Attack) के चलते 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है. इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है.

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ऑयल प्राइस डॉट कॉम के मुताबिक, सोमवार को इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 19.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 28 साल में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी है. हूती विद्रोहियों के हमले के बाद सऊदी आरामको कंपनी ने आपूर्ति में 57 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की है, जो वैश्विक आपूर्ति का 6 फीसदी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर महीने में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. कच्चा तेल महंगा होने से रुपया भी प्रभावित होगा और इसमें 5 से 8 फीसदी तक कमजोरी आ सकती है. महंगा कच्चा तेल और कमजोर रुपये से अगले 10 दिनों में देश पेट्रोल की कीमतों में 7 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है.

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ड्रोन हमलों का निशाना बनी अबकैक की तेल रिफाइनरी (Oil Refinery) में रोजाना 70 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है. आरामको (Saudi aramco) के अनुसार ये दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्टैबिलाइजेशन प्लांट है. 2006 में भी इस संयंत्र पर अल-कायदा ने आत्मघाती हमला करने की कोशिश की गई थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया था. ड्रोन हमले का दूसरा शिकार बना खुरैस संयंत्र, गावर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट है. 2009 में इसकी शुरुआत हुई थी. इस संयंत्र से भी प्रतिदिन 15 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जाता है. साथ ही यहां करीब 20 अरब बैरल से ज्यादा तेल रिजर्व में मौजूद है.