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डेढ़ महीने में 3 रुपये से ज्यादा सस्ता हो चुका है पेट्रोल, आगे भी कीमतों में आ सकती है बड़ी गिरावट

जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में आई गिरावट की वजह से सरकार आम आदमी को फायदा पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल को लगातार सस्ता कर रही है.

Updated on: 12 Mar 2020, 12:05 PM

नई दिल्ली:

पिछले डेढ़ महीने यानि 1 फरवरी 2020 से आज यानि गुरुवार (12 मार्च) के दौरान पेट्रोल (Petrol Rate Today) की कीमतों में 3.05 रुपये तक की गिरावट आ चुकी है. वहीं इस अवधि में डीजल (Diesel Rate Today) भी 3.33 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो चुका है. जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में आई गिरावट की वजह से सरकार आम आदमी को फायदा पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल को लगातार सस्ता कर रही है.

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केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है. उनका कहना है कि चूंकि इस समय दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग कम है यही वजह है कि कीमतों पर दबाव है. हालांकि उनका मानना है कि जब भी कोरोना वायरस के संकट का समाधान मिलने की खबर आएगी तो कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आ सकता है. अजय कहते हैं कि भारत सरकार मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ही पेट्रोल और डीजल के रेट घटा रही है. उनका कहना है कि अगले 1 महीने में पेट्रोल और डीजल 3 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है. हालांकि उसके बाद कीमतों में और गिरावट की आशंका कम है.

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1 फरवरी को 73.19 रुपये के भाव पर मिल रहा था पेट्रोल

इंडियन ऑयल (Indian Oil) की वेबसाइट के अनुसार 1 फरवरी 2020 को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 73.19 रुपये, 78.83 रुपये, 75.85 रुपये और 76.03 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा था. वहीं चारों महानगर में डीजल क्रमश: 66.22 रुपये, 69.42 रुपये, 68.59 रुपये और 69.96 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा था. वहीं गुरुवार (12 मार्च 2020) को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 70.14 रुपये, 75.84 रुपये, 72.83 रुपये और 72.86 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है. दूसरी ओर चारों महानगर में डीजल क्रमश: 62.89 रुपये, 65.84 रुपये, 65.22 रुपये और 66.35 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है.

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फरवरी 2016 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था कच्चा तेल

गौरतलब है कि सोमवार (11 मार्च) को ब्रेंट क्रूड का भाव 31.27 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क गया था, जो कि फरवरी 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है. वहीं डब्ल्यूटीआई का भाव सोमवार को 27.34 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था, जो कि फरवरी 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है.

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बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कच्चे तेल की मांग में लगातार कमी आ रही है. इस कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है. 2008 में ओपेक व उसके सहयोगी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में 42 लाख बैरल रोजाना की कटौती की थी. उस साल वैश्विक मंदी का दौर था.

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सऊदी अरब ने कच्चे तेल के भाव घटाए

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ओपेक के साथ गैर ओपेक देशों की बैठक में रूस तेल उत्पादन में दैनिक 15 लाख की बड़ी कटौती करने के सऊदी अरब के नेतृत्व में ओपेक देशों के प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुआ. रूस को डर है कि उत्पादन होने से उसकी कंपनियां अमेरिकी शेल गैस के आगे बाजार में पिछड़ सकती हैं. रूस के इस रुख के खफा सऊदी अरब ने बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तेल के भाव गिरा दिए है. उसने तेल के भाव में अपनी 20 साल की सबसे बड़ी कटौती की घोषणा की है.