Coronavirus (Covid-19): कच्चे तेल में आई ऐतिहासिक गिरावट से भारत में सस्ता हो जाएगा पेट्रोल-डीजल? जानें यहां
Coronavirus (Covid-19): कच्चे तेल में गिरावट का आलम यह है कि अमेरिका में कच्चे तेल का दाम एक बोतल पानी से भी कम हो गया है. अमेरिका में कच्चे तेल का दाम करीब 77 पैसे प्रति लीटर हो गया है.
नई दिल्ली:
Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) का असर कच्चे तेल (Crude Price Today) के मार्केट पर भी पड़ा है. उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी और सप्लाई ज्यादा होने से भी कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल रही है. गिरावट का आलम यह है कि अमेरिका में कच्चे तेल का दाम एक बोतल पानी से भी कम हो गया है. अमेरिका में कच्चे तेल का दाम करीब 77 पैसे प्रति लीटर हो गया है.
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WTI Crude का भाव शून्य के नीचे लुढ़का
बता दें कि विदेशी बाजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI Crude) का भाव लुढ़ककर शून्य के स्तर तक चला गया. हालांकि जानकारों का कहना है कि इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता है कि विदेशी बाजार में आई बेतहाशा गिरावट की वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल सस्ता या फिर मुफ्त में मिलने लग जाएगा. गौरतलब है कि साल की शुरुआत में विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव 67 डॉलर प्रति बैरल यानि करीब 30.08 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर था. 12 मार्च को भारत में कच्चे तेल का दाम 38 डॉलर प्रति बैरल यानि करीब 17.79 रुपये प्रति लीटर था. वहीं 1 अप्रैल को क्रूड का भाव 23 डॉलर प्रति बैरल यानि करीब 11 रुपये लीटर था.
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क्या नहीं हुआ सस्ता पेट्रोल
जानकारों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट के बावजूद दिल्ली में 1 अप्रैल को पेट्रोल का बेस प्राइस 27.96 रुपये तय किया गया था. सरकार ने पेट्रोल ने 22.98 रुपये की एक्साइड ड्यूटी को भी लगा दिया और इसमें 3.55 रुपये डीलर का कमीशन भी जोड़ दिया. साथ ही 14.79 रुपये वैट भी जुड़ गया. इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम बढ़कर 69.28 पैसे हो गया.
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कच्चे तेल में गिरावट की वजह
दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग कम होने, उत्पादन में बढ़ोतरी और सप्लाई लगातार बढ़ने से कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. तेल खरीदारों की ओर से मांग काफी कम है. इसके अलावा उत्पादन लगातार जारी रहने और उत्पादन को रखने की जगह कम पड़ने से भी ओवर सप्लाई जैसे हालात बन गए हैं. गौरतलब है कि कोरोना की वजह से दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन जैसे हालात हैं ऐसे में वहां पर ईंधन की खपत काफी कम हो गई है जिसकी वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की मांग काफी कम हो गई है.
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