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Fruits( Photo Credit : फाइल फोटो)
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Fruits( Photo Credit : फाइल फोटो)
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर का फल कारोबार (Fruit Trading) पर भारी असर पड़ा है, जबकि इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान फल-सब्जी समेत खाने-पीने की तमाम चीजों की सप्लाई को बनाए रखने की इजाजत दी गई है. दरअसल, थोक मंडियों में फलों की मांग नरम पड़ने से कारोबारियों ने इसकी आपूर्ति भी घटा दी है, जिससे फलों का कारोबार तकरीबन 60 फीसदी घट गया है.
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बीते 15 दिन में 15 फीसदी घट गई फल की मांग
चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने बताया कि बीते 15 दिनों से फलों की मांग कम होने से इसके कारोबार में 60 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा कि फलों के खरीदार कम होने से मंडियों से उठाव कम हो रहा है. कृपलानी ने कहा कि सब्जियों की मांग और आपूर्ति पर विशेष असर नहीं है, लेकिन फलों की मांग कमजोर होने से आवक भी घट गई है जिससे उत्पादक किसान से लेकर कारोबारी तक फलों के कारोबार की पूरी चेन पर असर पड़ा है.
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फलो की सप्लाई में भारी गिरावट
कृपलानी के इस बयान की पुष्टि मंडी में फलों की आवक के रिकॉर्ड से भी होती है. आजादपुर मंडी एपीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार, सेब जहां पहले 1,000 टन से ज्यादा आता था वहां शनिवार को इसकी आवक महज 132 टन थी. इसी प्रकार नारंगी भी पहले 1,100-1,200 टन रोजाना आता था जबकि शनिवार को इसकी आवाक सिर्फ 320 टन थी. इसी प्रकार, अनार, अमरूद और केले की आवक में कमी आई है. दक्षिण भारत से आम की आवक 50 टन और अंगूर की आवक 352 टन थी. एपीएमसी के एक कर्मचारी ने बताया कि अंगूर एक दिन के अंतराल पर मंगाया जा रहा है ताकि जो माल आता है उसकी बिक्री सुनिश्चित हो. आजादपुर में इन दिनों सेब कोल्ड स्टोरेज से जबकि अनार गुजरात और राजस्थान से, केले आंध्रप्रदेश और अंगूर महाराष्ट्र से मंगाए जा रहे हैं.
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फलों की कीमतों में 10-20 फीसदी की कमी
कारोबारियों ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर किसी भी फल का थोक भाव नहीं बढ़ा है, बल्कि दाम में 10-20 फीसदी की कमी आई है क्योंकि मंडी में फलों की आवक के मुकाबले उठाव कम है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों नवरात्र का त्योहार होने के बावजूद फलों की मांग नरम रही, इसका मुख्य कारण है कि फुटकर विक्रेता कम हो गए हैं. आजादपुर एपीएमसी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि दिल्ली से दूसरे प्रदेशों में जो पहले फल जाता था वह अब नहीं जा रहा है, जिसके कारण आपूर्ति जितनी हो रही है उतनी मांग नहीं है. उन्होंने कहा कि मंडी में मौजूदा मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि एक आढ़ती अब एक ही ट्रक माल मंगाएगा ताकि मंडी में जाम नहीं लगे और सामाजिक दूरी बनाए रखने में भी कोई दिक्कत नहीं हो. उन्होंने कहा कि इस समय मंडी में फलों और सब्जियों की आवक इसकी मांग से ज्यादा है.