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भारत से बेरुखी पड़ रही भारी, पाकिस्तान में दवाइयों के बाद अब इस चीज का पड़ गया अकाल

कॉटन के उत्पादन में गिरावट के कारण पाकिस्तान को घरेलू खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से महंगा कॉटन आयात करना पड़ सकता है.

Updated on: 12 Nov 2019, 08:50 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान पिछले साल तक भारतीय कॉटन के प्रमुख खरीदारों में शामिल था, लेकिन इस साल दोनों देशों के बीच व्यापार बंद होने के कारण पाकिस्तान भारत से सस्ता कॉटन का आयात नहीं कर पा रहा है, बल्कि उसे अमेरिका, ब्राजील व दूसरे देशों से महंगा कॉटन खरीदना पड़ रहा है. पाकिस्तानी मीडिया द न्यूज की एक रिपोर्ट में पिछले महीने इस बात की आशंका जताई गई थी कि कॉटन के उत्पादन में गिरावट के कारण पाकिस्तान को घरेलू खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से महंगा कॉटन आयात करना पड़ सकता है.

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पाकिस्तान में कपास उत्पादन में 26.54 फीसदी की गिरावट
रिपोर्ट में पाकिस्तान कॉटन जिनर्स एसोसिएशन (पीसीजीए) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उत्पादन में 26.54 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई गई थी. सीमावर्ती देश होने के कारण पाकिस्तान को भारत से आयात करने के लिए परिवहन लागत कम लगती है, जिससे उसके लिए भारत से कॉटन का आयात करना सस्ता होता है, लेकिन इस साल वह व्यापार बंद होने के कारण भारत से कॉटन नहीं खरीद पा रहा है. भारतीय कॉटन का भाव इस समय करीब 69 सेंट प्रति पौंड है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव 74 सेंट प्रति पौंड है. इस लिहाज से भी पाकिस्तान के लिए भारत से कॉटन का आयात करना सस्ता पड़ सकता है.

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भारतीय कारोबारियों की मानें तो अगर पाकिस्तान दोबारा भारत से व्यापार शुरू करता है तो पिछले साल के मुकाबले इस साल वह भारत से ज्यादा कॉटन खरीद सकता है, क्योंकि पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन कम है. अमेरिकी एजेंसी यूएसडीए की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन 89.9 लाख गांठ है, जो पिछले साल के 97.5 लाख गांठ से करीब आठ फीसदी कम है. यूएसडीए के अनुसार, पाकिस्तान में इस साल कॉटन की खपत 137.2 लाख गांठ रह सकती है और उसे अपनी खपत की पूर्ति के लिए 46.2 लाख गांठ कॉटन का आयात करना पड़ सकता है.

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पाकिस्तान के मुकाबले भारत में कॉटन उत्पादन ज्यादा
पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन कम है, लेकिन भारत में कॉटन का उत्पादन इस साल पिछले साल से ज्यादा है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के ताजा अनुमान के अनुसार, भारत में इस साल कॉटन का उत्पादन 354 लाख गांठ रह सकता है जबकि पिछले साल देश में कॉटन का उत्पादन 312 लाख गांठ था. मुंबई के कॉटन कारोबारी अरुण शेख सरिया के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद होने के कारण इस साल पाकिस्तान भारत से कॉटन नहीं खरीद पा रहा है और उसे अमेरिका व दूसरे देशों से ही आयात करना पड़ रहा है.

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पाकिस्तान द्वारा भारत से कॉटन आयात पर विचार करने की संभावनाओं के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत से व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का फैसला पाकिस्तान का है, इसे बहाल करने के बारे में भी फैसला उसे ही लेना होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि दोबारा व्यापार शुरू होने की संभावना कम दिखती है, लेकिन अगर पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार शुरू होगा तो पाकिस्तान पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कॉटन भारत से खरीद सकता है, क्योंकि इस साल पाकिस्तान में कॉटन का उत्पादन कम है.

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वर्धमान टेक्सटाइल के वाइस प्रेसीडेंट ललित महाजन ने भी कहा कि भारत से पाकिस्तान को कॉटन का निर्यात होने की उम्मीद बहरहाल नहीं की जा सकती, लेकिन आने वाले दिनों में व्यापारिक रिश्ते बहाल होने की सूरत में भारत से पाकिस्तान छह-सात लाख गांठ कॉटन खरीद सकता है. कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत द्वारा निष्प्रभावी किए जाने के बाद पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ लिया, जिस कारण पाकिस्तानी कारोबारी भारत से सस्ता कॉटन आयात नहीं कर पा रहे हैं.