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सरसों तेल की महंगाई से मिलेगी राहत, जानिए क्या है वजह

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक COOIT के अध्यक्ष सुरेश नागपाल का कहना है कि मौजूदा रबी सीजन में कुल 111 लाख टन सरसों उत्पादन होने का अनुमान है, जो कि अब तक का रिकॉर्ड है.

Updated on: 14 Mar 2022, 03:25 PM

highlights

  • इस साल 26 लाख टन ज्यादा सरसों पैदा होने का अनुमान: COOIT
  • रेपसीड और सरसों का रकबा 81.66 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था 

नई दिल्ली:

होली से पहले भले ही सरसों तेल (Mustard Oil) के दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गए हैं, लेकिन इस साल इसके सस्ता होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चालू रबी सीजन (Rabi Crop) में पिछले साल की तुलना में 26 लाख टन सरसों ज्यादा उत्पादन होने का अनुमान है. सेंट्रल आर्गनाइजेशन फोर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) ने सरसों उत्पादन (Mustard Production) को लेकर अनुमान जारी किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक COOIT के अध्यक्ष सुरेश नागपाल का कहना है कि मौजूदा रबी सीजन में कुल 111 लाख टन सरसों उत्पादन होने का अनुमान है, जो कि अब तक का रिकॉर्ड है. 

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पिछले साल रबी सीजन में 85 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था. मतलब यह कि इस साल 26 लाख टन ज्यादा सरसों पैदा होने का अनुमान है. उनका कहना है कि ज्यादा उत्पादन होने से किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी ही साथ ही सरसों तेल के दाम में भी कमी आने की पूरी उम्मीद है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू रबी बुवाई सीजन में 10 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक रेपसीड और सरसों का रकबा 81.66 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में रकबा 65.97 लाख हेक्टेयर था.