logo-image

पंजाब में किसानों को MSP के सीधे भुगतान को लेकर फंसा पेंच, जानिए क्या है मामला

केंद्र सरकार का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को इसका फायदा मिलेगा.

Updated on: 25 Mar 2021, 10:49 AM

highlights

  • जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी
  • पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं 

नई दिल्ली/चंडीगढ़ :

पंजाब में आगामी रबी विपणन सीजन 2021-22 में गेहूं (Wheat) की सरकारी खरीद 10 अप्रैल 2021 से शुरू होने जा रही है, लेकिन फसल के दाम का किसानों के खाते में सीधा भुगतान करने में जमीन के रिकॉर्ड को लेकर पेंच फंसा हुआ है. हालांकि देश के अन्य राज्यों ने फसलों की सरकारी खरीद में जमीन के रिकॉर्ड को दाखिल करने की व्यवस्था लागू करके फसल के दाम का सीधा भुगतान किसानों के खाते में करना शुरू कर दिया है, लेकिन पंजाब में अब तक किसानों को आढ़तियों के मार्फत ही भुगतान होता है. केंद्र सरकार का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन पंजाब सरकार (Punjab Government) आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है. प्रदेश सरकार का कहना है कि इसके लिए उसे और समय की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें: शेयर बाजार में कमजोरी, सेंसेक्स में 200 प्वाइंट से ज्यादा की गिरावट

पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि जमीन रिकॉर्ड दाखिल करना एक अच्छा रिफॉर्म है, लेकिन उसके लिए समय चाहिए. आज किसान जब बॉर्डर (दिल्ली की सीमाओं)पर आंदोलन पर बैठें हैं, तब हम उनसे जमीन का रिकॉर्ड लेने कहां जाएंगे. उन्होंने कहा कि कई किसानों ने अपनी जमीन बटाई पर दे रखी है और किसी ने ठेके पर दे रखी है, इस तरह जमीन का मालिक कोई और है जबकि खेती कोई और कर रहा है, इसलिए उनको कैसे भुगतान किया जाएगा, इस पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित हितधारकों से बातचीत करके उनको विश्वास दिलाना होगा. भारत भूषण आशु ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अनाज की सरकारी खरीद से जुड़े मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहते हैं और वह जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलेंगे.

किसानों को आढ़तियों के जरिए सीधे उनके खाते में एमएसपी का हो रहा है भुगतान 
उन्होंने कहा कि हमारे सीएम साहब ने पीएम साहब से समय मांगा है. शायद एक-दो दिन उनकी बातचीत होगी. उन्होंने बताया कि वह (अमरिंदर सिंह) प्रधानमंत्री से किसानों को सीधा उनके खाते में भुगतान, जमीन का रिकॉर्ड और एमएसपी पर खरीद होने वाले अनाज के स्पेसिफिकेशन के मसले पर बातचीत करेंगे. किसानों को एमएसपी का ऑनलाइन भुगतान करने में आड़े आने वाली अन्य कठिनाइयों को लेकर पूछे गए सवाल पर पंजाब के खाद्य मंत्री ने कहा, "किसानों को आढ़तियों के जरिए सीधे उनके खाते में एमएसपी का भुगतान हो रहा है और इसमें कोई अड़चन नहीं है, लेकिन वह (केंद्र सरकार) आढ़तियों को बीच से निकालने को कहती है.

यह भी पढ़ें: Finance Bill 2021: वित्त विधेयक 2021 को मिली संसद की मंजूरी

बता दें कि हरियाणा आगामी रबी सीजन से एमएसपी पर फसलों की खरीद का पूरा पैसा किसानों के खाते में सीधा भुगतान की व्यवस्था लागू करने जा रहा है. हरियाणा के समालखा के एक आढ़तिया ने बताया कि जमीन के रिकॉर्ड को लेकर वहां किसानों के पंजीकरण की कोई कठिनाई नहीं है, क्योंकि जिन्होंने जमीन पट्टे पर ले रखी है उनके पास एग्रीमेंट का कागज होता है. उन्होंने बताया कि पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद 10 अप्रैल से शुरू होगी और कोरोना के संकट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए खरीद केंद्रों में बढ़ोतरी समेत तमाम एहतियाती उपाय किए जाएंगे. आशु ने बताया कि आमतौर पर 18,500 खरीद केंद्र होते थे, लेकिन कोरोना काल में 3,000 से अधिक खरीद केंद्र बन चुके हैं और जरूरत पड़ेगी तो और बढ़ाएंगे. पंजाब ने आगामी रबी सीजन में 132 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से करीब 24,500 करोड़ रुपये कैश क्रेडिट लिमिट (सीसीएल) की मांग की गई है और समय पर उन्हें सीसीएल मिल जाएगी.