क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर पाबंदी को लेकर मोदी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला, सरकारी ई-करेंसी को मिल सकती है छूट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ट्रेडिंग को लेकर मोदी सरकार ने दिशानिर्देश जारी करने की योजना बनाई है.
highlights
- सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के ऊपर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया
- समिति ने भारत सरकार की ओर से जारी की गई ई करेंसी को ही मंजूरी दिए जाने का सुझाव दिया
नई दिल्ली :
भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrencies) पर प्रतिबंध लग सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति ने इनके ऊपर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसकी जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समिति ने भारत सरकार की ओर से जारी की गई ई करेंसी को ही मंजूरी दिए जाने का सुझाव दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ट्रेडिंग को लेकर मोदी सरकार ने दिशानिर्देश जारी करने की योजना बनाई है. वित्त मंत्री ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन किया गया है. यह समिति क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मुद्दों का अध्ययन कर रही है.
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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जल्द ही विधेयक ला सकती है मोदी सरकार
वहीं दूसरी ओर वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जल्द ही विधेयक ला सकती है. उनका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और इनसे संबंधित मामलों से निपटने के लिए मौजूदा समय में जो कानून हैं वह पर्याप्त नहीं हैं. उनका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए आरबीआई और सेबी जैसी नियामक संस्थाओं के पास किसी भी तरह की कानूनी व्यवस्था नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार एक क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर आखिरी चरण में है और इसे जल्द ही कैबिनेट के पास भेज दिया जाएगा.
बता दें कि आरबीआई (Reserve Bank) के 6 अप्रैल 2018 के परिपत्र के अनुसार केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च 2020 में इस पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था. 17वीं लोकसभा के बजट सत्र में मोदी सरकार ने एक बिल को सूचीबद्ध किया था. इसके तहत भारत के सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin), ईथर (Ether), Ripple को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव दिया गया है.
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क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What Is Cryptocurrency)
आम बोलचाल की भाषा में क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है. क्रिप्टोकरेंसी एक Peer To Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होता है और ऐसा मानते हैं कि इसके जरिए सरकार या बैंकों को बगैर बताए भी काम कर सकते हैं. कूटलेखन तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा किया जाता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी को हैक करना काफी मुश्किल काम है जिसकी वजह से धोखाधड़ी की संभावना कम रहती है.
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