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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने लॉन्च किया यह प्लेटफॉर्म, जानिए कैसे होगा फायदा

Kisan Sarathi Latest News: किसानों को उनकी भाषा में सही समय पर सही जानकारी प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म किसान सारथी लॉन्च किया.

Updated on: 17 Jul 2021, 08:44 AM

highlights

  • वैज्ञानिकों से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर व्यक्तिगत सलाह प्राप्त कर सकते हैं किसान
  • रेल मंत्रालय की फसलों के परिवहन में लगने वाले समय को न्यूनतम करने की योजना 

नई दिल्ली :

Kisan Sarathi Latest News: देश के किसानों को उनकी आसान भाषा में सही जानकारी देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने नई पहल की है. अब उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान सारथी (Kisan Sarathi) से नई-नई जरूरी जानकारियां मिलेंगी. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर किसानों को उनकी भाषा में सही समय पर सही जानकारी प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म 'किसान सारथी' लॉन्च किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंडलाजे ने की.

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इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी, सचिव (डीएआरई) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) डॉ. त्रिलोचन महापात्र, डिजिटल इंडिया कारपोरेशन के एमडी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह एवं आईसीएआर एवं डीएआरई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम को देश भर में किसानों, हितधारकों और आईसीएआर, डीएआरई, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा केवीके भागीदारों ने देखा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने दूरदराज के क्षेत्रों में किसानों तक पहुंचने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप के साथ किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में किसान सारथी की इस पहल के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को बधाई दी.

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उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म से किसान सीधे तौर पर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के संबंधित वैज्ञानिकों से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर व्यक्तिगत सलाह प्राप्त कर सकते हैं. वैष्णव ने आईसीएआर के वैज्ञानिकों से कहा कि वे किसान की फसल को उनके खेत के गेट से गोदामों, बाजारों और उन जगहों पर ले जाने के क्षेत्र में नए तकनीकी हस्तक्षेपों पर अनुसंधान करें जहां वह कम से कम नुकसान के साथ बेचना चाहते हैं. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, संचार मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय किसानों को सशक्त बनाने में आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि रेल मंत्रालय फसलों के परिवहन के लिए लगने वाले समय को कम से कम करने की योजना बना रहा है.