दाल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
दाल (Pulses) जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने की अपनी निरंतर कोशिशों में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों द्वारा दालों के भंडारण पर सीमा तय की है.
highlights
- केंद्र सरकार ने मूंग को छोड़कर अन्य सभी दालों पर स्टॉक लिमिट लगाई
- मूंग को छोड़कर सभी दालों के लिए 31 अक्टूबर तक स्टॉक सीमा लगाई गई
नई दिल्ली:
Pulses Latest News: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने आम आदमी को कोरोना काल में महंगाई से राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने मूंग को छोड़कर अन्य सभी दालों (Pulses) पर स्टॉक लिमिट (Stock Limit For Pulses) लगा दी है. सरकार का यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने की अपनी निरंतर कोशिशों में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों द्वारा दालों के भंडारण पर सीमा तय की है. 2 जुलाई 2021 से, तत्काल प्रभाव से निर्दिष्ट खाद्य पदार्थ (संशोधन) आदेश, 2021 पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और आवाजाही प्रतिबंधों को हटाना जारी किया गया है. इस आदेश के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मूंग को छोड़कर सभी दालों के लिए 31 अक्टूबर 2021 तक स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है.
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थोक विक्रेताओं के लिए ये स्टॉक सीमा 200 मीट्रिक टन (बशर्ते एक किस्म की दाल 100 मीट्रिक टन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए), खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन और मिल मालिकों के लिए ये सीमा उत्पादन के अंतिम 3 महीनों या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, वो होगी. आयातकों के लिए ये स्टॉक सीमा 15 मई 2021 से पहले रखे गए/आयात किए गए स्टॉक के लिए किसी थोक व्यापारी के समान ही होगी और 15 मई 2021 के बाद आयात किए गए स्टॉक के लिए थोक विक्रेताओं पर लागू स्टॉक सीमा, सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों के बाद लागू होगी। ये भी कहा गया है कि अगर संस्थाओं का स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें उपभोक्ता मामलों के विभाग के ऑनलाइन पोर्टल (fcainfoweb.nic.in) पर उसकी जानकारी देनी होगी और इस आदेश की अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के अंदर निर्धारित सीमा के भीतर लाना होगा.
सरकार के प्रयासों के बाद से कीमतों में नरमी का रुख
भारत सरकार द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, दालों और खाद्य तेलों के मूल्यों में गिरावट का रुख देखा जा रहा है. इसके अतिरिक्त, पिछले 6 वर्षों में, प्रमुख दालों का कुल उत्पादन अब तक का सबसे अधिक 255.8 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) 2020-21 में हुआ, जिसमें चना (126.1 एलएमटी) और मूंग दाल (26.4 एलएमटी) ने विशेष रूप से उत्पादन के अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चूंकि पूरा देश कोविड महामारी के प्रभाव से जूझ रहा है, और ऐसे में सरकार समय पर उचित उपाय अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है और आम आदमी की चिंताओं व पीड़ा को काफी हद तक कम कर दिया है. इस सुधार से समाज के सभी वर्गों द्वारा व्यापक राहत महसूस की गई है.
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सरकार ने सप्लाई बढ़ाने के लिए आयात नीति में किए बदलाव
साथ ही साथ, घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दालों के आयात के प्रवाह को बाधारहित बनाने के लिए, 15 मई 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक की अवधि के लिए तुअर, उड़द और मूंग को प्रतिबंधित श्रेणी से मुक्त श्रेणी में स्थानांतरित करते हुए आयात नीति में बदलाव किए गए हैं. इसके अलावा, सालाना 2.5 एलएमटी उड़द और 1 एलएमटी तुअर का आयात करने के लिए म्यांमार और सालाना एक एलएमटी तुअर का आयात करने के लिए मलावी के साथ पांच वर्ष के लिए एमओयू किया गया है, और सालाना दो एलएमटी तुअर का आयात करने के लिए मोजाम्बिक के साथ एमओयू को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है. यह एमओयू विदेशों में उत्पादित और भारत को निर्यात की जाने वाली दालों की मात्रा का पूर्वानुमान सुनिश्चित करेंगे, इस प्रकार भारत और दाल निर्यातक देश दोनों को ही लाभ होगा. -इनपुट पीआईबी
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