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इस राज्य ने किसानों को फसल बीमा का फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में किया ये बड़ा बदलाव

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए फसल क्षेत्र की शर्त 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

Updated on: 10 Sep 2020, 01:16 PM

भोपाल :

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: मध्य प्रदेश में छोटे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने के मकसद से बड़ा बदलाव किया जा रहा है. अब राज्य में बीमा (PMFBY) के लिए फसल क्षेत्र की शर्त को 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर किया जा रहा है. राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए फसल क्षेत्र की शर्त 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं. फसल बीमा योजना में क्षेत्र के निर्धारण का यह बदलाव वनग्रामों के किसानों के साथ अन्य छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होगा.

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सबसे वंचित वर्ग को योजना के माध्यम से अधिकतम लाभ पहुंचाना है उद्देश्य
बताया गया है कि अतिवृष्टि और अन्य कारणों से हुए नुकसान के बावजूद फसल बीमा योजना के प्रचलित प्रावधान से ऐसे पटवारी हल्का क्षेत्र जहां चयनित फसल का क्षेत्रफल 100 हेक्टेयर से कम है, इस महत्वपूर्ण योजना में शामिल नहीं हो पाते हैं, जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य सबसे वंचित वर्ग को योजना के माध्यम से अधिकतम लाभ पहुंचाना है. कमल पटेल ने कहा कि पिछले दिनों बाढ़ और अतिवृष्टि के क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान यह बात सामने आई कि बीमा के लिए तय क्षेत्र की शर्त के कारण बड़ी संख्या में किसान योजना का लाभ हासिल नहीं कर पाते.

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इसके बाद कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फ सल बीमा योजना के उद्देश्य और महत्व को दृष्टिगत रखते हुए समस्त वनग्रामों को और योजना का अधिकतम कवरेज एवं लाभ दिलाने के लिए पटवारी हल्का स्तर पर 50 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली चयनित फ सलों को दायरे में लाने की आवश्यकता जताई है.

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कमल पटेल ने अगले खरीफ सीजन से पहले प्रचलित प्रावधान में परिवर्तन कर 50 हेक्टेयर करने के लिए प्रमुख सचिव कृषि को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. ज्ञात हो कि राज्य में भारी बारिश से पंद्रह जिलों में बड़ी मात्रा में फ सल प्रभावित हुई थी। पांच जिलों में ज्यादा नुकसान होने के चलते बीमा प्रीमियम जमा करने की तारीख को बढ़ाया गया था.