जानिए भारत के पास कितना है कच्चे तेल का स्टॉक, जल्द नहीं उठाए कदम तो हो सकती है बड़ी परेशानी
Crude News: IEA ने कहा कि भारत को रणनीतिक कच्चा तेल भंडार बढ़ाने की जरूरत है. एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतेह बिरोल ने कहा कि भारत का रणनीतिक कच्चा तेल भंडार उसके 10 दिन के आयात के बराबर है.
दिल्ली:
Crude News: भारत कच्चे तेल की मांग (Crude Demand) वृद्धि के मामले में 2020 के मध्य तक चीन को पीछे छोड़ देगा. अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency-IEA) ने यह अनुमान व्यक्त किया है. एजेंसी ने कहा कि भारत को रणनीतिक कच्चा तेल भंडार बढ़ाने की जरूरत है. एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतेह बिरोल ने कहा कि भारत का रणनीतिक कच्चा तेल भंडार उसके 10 दिन के आयात के बराबर है. यह मुश्किल दिनों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है.
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कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर भारत जता चुका है चिंता
जानकारों का कहना है कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की स्थिति में भारत को अपना कच्चे तेल का स्टॉक बढ़ाने की जरूरत है. कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुए उतार-चढ़ाव को लेकर भारत के पेट्रोलियम मंत्री भी चिंता जाहिर कर चुके हैं. पेट्रोलियम मंत्री (Petroleum Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा था कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार- चढ़ाव भारत के लिये गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा था कि अभी हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब पश्चिम एशिया में तनाव है और क्षेत्र की स्थिरता व सुरक्षा पर इसका असर पड़ रहा है. हम कच्चा तेल की कीमतों में घटबढ़ को लेकर चिंतित बने हुए हैं.
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2024 में भारत में 60 लाख बैरल रोजाना कच्चे तेल की मांग: IEA
आईईए का अनुमान है कि भारत की कच्चे तेल की मांग 2017 के 44 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़कर 2024 में 60 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंच जाएगी. वहीं चीन की मांग वृद्धि 2020 के मध्य तक भारत की तुलना में कुछ कम रह जाने का अनुमान है. एजेंसी ने यहां जारी ‘भारत 2020 ऊर्जा नीति समीक्षा’ में कहा, ‘‘भारत कच्चा तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता, कच्चा तेल का चौथा सबसे बड़ा परिशोधक और परिशोधित पेट्रोलियम उत्पादों का शुद्ध निर्यातक है. भारत की कच्चा तेल मांग में वृद्धि के मध्य 2020 तक चीन से अधिक हो जाने का अनुमान है, इससे भारत परिशोधन क्षेत्र में निवेश करने के लिये आकर्षक बाजार बन जाएगा.
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बिरोल ने समीक्षा जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि अभी अमेरिका और चीन के बाद भारत कच्चा तेल का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. परिवहन, रसोई ईंधन और पेट्रोरसायन उद्योग में खपत बढ़ने के कारण आने वाले सालों में भारत की कच्चा तेल मांग में ठीक-ठाक वृद्धि होगी. एजेंसी ने कहा कि भारत के लिये रणनीतिक भंडार बढ़ाना महत्वपूर्ण है. उसने कहा कि भारत का मौजूदा रणनीतिक भंडार 10 दिनों के आयात के समतुल्य है.
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कच्चा तेल बाजार में प्रतिकूल समय के दौरान सुरक्षा के लिये इसे बढ़ाने की जरूरत है. भारत ने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में भूमिगत भंडारण सुविधा तैयार की है, जिनकी सम्मिलित क्षमता 53.3 लाख टन कच्चा तेल के भंडारण की है. इसके दूसरे चरण में भंडारण क्षमता में 65 लाख टन की वृद्धि करने के लिये ओडिशा और कर्नाटक में संयंत्र बनाने की योजना है. आईईए के सदस्य देश आम तौर पर 90 दिनों का रणनीतिक भंडार रखते हैं.
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