केंद्र की सहमति के बाद उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र बनेगा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (International Potato Centre) की स्थापना की जाएगी. इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटेटो का लीमा स्थित मुख्यालय इसके लिए तैयार है वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (International Potato Centre) की स्थापना की जाएगी. इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटेटो का लीमा स्थित मुख्यालय इसके लिए तैयार है वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है.

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Yogendra Mishra
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केंद्र की सहमति के बाद उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र बनेगा

आगरा में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र।( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (International Potato Centre) की स्थापना की जाएगी. इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटेटो का लीमा स्थित मुख्यालय इसके लिए तैयार है वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है. यह केंद्र बनने के बाद उम्मीद है कि यूपी में प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही प्रसंस्करण से संबंधित प्रजातियों में भी वृद्धि की संभावना है. आलू निर्यात से भी देश को फायदा होगा.

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उत्तर प्रदेश में 7 लाख हेक्टेयर जमीन में आलू का उत्पादन होता है. देश के कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत आलू यूपी में ही पैदा होती है. जो कि करीब 155 लाख मीट्रिक टन है. आलू उत्पादन में पूरे विश्व में कुछ ही ऐसे देश हैं जो उत्तर प्रदेश से आगे हैं.

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प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाली वेरायटी न होने के कारण यहां पर पैदा होने वाला 95 फीसदी आलू सब्जी बनाने में इस्तेमाल हो जाता है. घरेलू मांग से 5-10 लाख मीट्रिक टन भी उत्पादन ज्यादा होने पर आलू के दाम गिर जाते हैं. जिसकी वजह से कई बार सरकार को आगे आना पड़ता है.

सीएम ने लिखा था पत्र

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अंतर्राष्ट्रीय पोटेटो सेंटर खोलने के लिए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था. सोमवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी के साथ सीआईपी, लीमा के प्रतिनिधियों के संग बैठक भी होगी. इसके लिए आगे की रूपरेखा तैयार होगी. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, आगरा में यह केंद्र खोले जाने की संभावना ज्यादा है. क्योंकि वहां सबसे ज्यादा उत्पादन होता है.

उत्पादकता कम

उत्तर प्रदेश में उत्पादका भी कम है. जहां दूसरे देशों में प्रति हेक्टेयर में 50-70 मीट्रिक टन उत्पादन होता हैं वहीं यूपी में सिर्फ 24-25 मीट्रिक टन का उत्पादन प्रति हेक्टेयर में होता है. आधुनिक तकनीक और अच्छी वेरायटी के इस्तेमाल से उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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