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कच्चा तेल (Crude Oil)( Photo Credit : फाइल फोटो)
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कच्चा तेल (Crude Oil)( Photo Credit : फाइल फोटो)
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency-IEA) का मानना है कि वैश्विक बाजार (Global Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति (Supply) पर्याप्त मात्रा में हो रही है ऐसे में दाम बढ़ने की कोई वजह नहीं दिखाई देती है. एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतेह बिरोल ने कहा कि अभी वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की 10 लाख बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त आपूर्ति हो रही है. उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से तात्कालिक तौर पर कच्चे तेल में तेजी आयी लेकिन इसके बाद स्थिति सामान्य हो गयी.
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क्रूड का वैश्विक उत्पादन पर्याप्त: IEA
बिरोल ने यहां ‘भारत 2020 ऊर्जा नीति समीक्षा’ रिपोर्ट जारी करने के मौके पर कहा कि सऊदी अरब (Saudi Arabia) के तेल संयंत्रों पर हमला होने, ईरान तेल के बाजार से बाहर होने तथा वेनेजुएला के धराशायी हो जाने के बाद भी 2019 में कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रही. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका, ब्राजील, कनाडा, नॉर्वे और गुयाना के कारण कच्चे तेल का वैश्विक उत्पादन पर्याप्त बना हुआ है और इसके कारण हमें लगता है कि इसकी कीमतों में कोई बड़ी तेजी नहीं आने वाली है. बाजार में पर्याप्त मात्रा में कच्चा तेल उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जब हम नये साल (2020) को देखते हैं, कच्चा तेल की मांग एवं आपूर्ति पर नजरें डालते हैं, हम पाते हैं बाजार में कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है और इसमें मांग के मुकाबले प्रतिदिन 10 लाख बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्तता है.
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कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव चिंता का विषय: धर्मेंद्र प्रधान
बता दें कि इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद कच्चा तेल करीब 72 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. हालांकि बाद में ईरान की सीमित जवाबी कार्रवाई से यह नीचे आ गया। फिलहाल, ब्रेंट क्रूड 65.17 डालर प्रति बैरल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड का दाम 59.31 डालर प्रति बैरल पर बोला जा रहा है. पेट्रोलियम मंत्री (Petroleum Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने इस मौके पर कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार- चढ़ाव भारत के लिये गंभीर चिंता का विषय है.
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उन्होंने कहा कि अभी हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब पश्चिम एशिया में तनाव है और क्षेत्र की स्थिरता व सुरक्षा पर इसका असर पड़ रहा है. हम कच्चा तेल की कीमतों में घटबढ़ को लेकर चिंतित बने हुए हैं. बिरोल ने कहा कि अमेरिका का शेल तेल- गैस उत्पादन बढ़ता रहेगा लेकिन बढ़ने की गति धीमी पड़ सकती है. हालांकि, इसके बाद भी अमेरिका सबसे बड़ा उत्पादक बना रहेगा। हमें ब्राजील, नॉर्वे, कनाडा और गुयाना से भी कच्चा तेल के ठीक-ठाक उत्पादन की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि आईईए कच्चे तेल के दाम को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करता है लेकिन वैश्विक पटल पर अचानक किसी भू-राजनीतिक घटना के नहीं होने की स्थिति में तेल बाजार में मांग एवं आपूर्ति को देखते हुये हमें दाम बढ़ने की कोई वजह नहीं दिखाई देती है, क्योंकि बाजार में तेल आपूर्ति की कोई कमी नहीं है.
Source : Bhasha