अब पड़ोसी देशों के खाने में लगेगा प्याज तड़का, भारत सरकार ने निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया
प्याज (Onion) किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने बुधवार प्याज के निर्यात पर करीब छह महीने से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया. रबी फसल में प्याज की भारी पैदावार के कारण इसकी कीमतें गिरने की संभावना है.
दिल्ली:
प्याज (Onion) किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने बुधवार प्याज के निर्यात पर करीब छह महीने से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया. रबी फसल में प्याज की भारी पैदावार के कारण इसकी कीमतें गिरने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में इस पर निर्णय किया गया. खाद्य मंत्री रामविलास पासवान (Ramvilas Paswal) ने बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से कहा, ‘‘चूंकि प्याज की कीमत स्थिर हो गई है और प्याज की भारी पैदावार हुई है, इसलिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. पिछले साल के मार्च के महीने 28.4 लाख टन प्याज के पैदावार की तुलना में इस बार मार्च तक 40 लाख टन से अधिक की पैदावार आने की संभावना है.’’
देश में प्याज की बम्पर फसल और बाजार में प्याज की स्थिर कीमतों को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है। पिछले साल मार्च महीने में 28.4 लाख टन के मुकाबले, इस साल मार्च में प्याज की पैदावार लगभग 40 लाख टन होने का अनुमान है।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) February 26, 2020
प्रतिबंध को हटाने का निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद प्रभावी होगा. सूत्रों ने कहा कि बुधवार को मंत्रिसमूह ने निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने या समाप्त करने के बारे में भी विचार किया. एमईपी दर के नीचे किसी वस्तु के निर्यात की अनुमति नहीं होती है. बैठक में पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मंत्रिमंडलीय सचिव राजीव गौबा उपस्थित थे.
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सितंबर 2019 में, सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था. उस समय मांग और आपूर्ति में अंतर होने के कारण प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं. महाराष्ट्र सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अत्याधिक बरसात और बाढ़ के कारण खरीफ प्याज फसल के प्रभावित होने से इस सब्जी की कमी थी.
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मौजूदा समय में रबी (सर्दियों) प्याज की फसल की आवक मंडियों में थोड़ी मात्रा में शुरू हो गई है और मध्य मार्च से इसके बढ़ जाने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, मार्च में ही प्याज की आवक 40.68 लाख टन के लगभग होने की उम्मीद है जो आवक पिछले वर्ष की समान अवधि में 28.44 लाख टन था.
उन्होंने कहा कि अप्रैल में मंडियों में प्याज की आवक 86 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, जो साल भर पहले यह 61 लाख टन था. सूत्रों ने कहा कि प्याज के निर्यात से घरेलू कीमतों में भारी गिरावट के रुकने की संभावना है और इससे उत्पादकों के हितों की रक्षा होगी. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान दालों, विशेष रूप से उड़द के आयात पर भी चर्चा की गई.
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