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Coronavirus Lockdown: तय समय से शुरू होगी सरसों, चना और मसूर की सरकारी खरीद

Coronavirus Lockdown: उत्तर प्रदेश में लागू लॉकडाउन (Lockdown) से उत्पन्न हालात के बावजूद सरकार ने प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी-MSP) पर खाद्यान्न (Foodgrain) की खरीद तय समय शुरू करने का ऐलान किया है.

Updated on: 30 Mar 2020, 11:36 AM

लखनऊ:

Coronavirus Lockdown: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में लागू लॉकडाउन (Lockdown) से उत्पन्न हालात के बावजूद सरकार ने प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी-MSP) पर खाद्यान्न (Foodgrain) की खरीद तय समय शुरू करने का ऐलान किया है. सरकार ने कहा कि सरसों, चना और मसूर की सरकारी खरीद दो अप्रैल को शुरू होगी, जो 90 दिनों तक की जाएगी. खरीद के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त किये जा रहे हैं. सरकार किसानों से एमएसपी पर 2.64 लाख मीट्रिक टन सरसों, 2.01 लाख मीट्रिक टन चना और 1.21 लाख मीट्रिक टन मसूर खरीदेगी.

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फरवरी-मार्च में भारी बारिश, ओले से फसल को पहुंचा नुकसान

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि रबी (Rabi Crop) के मौजूदा मौसम में फरवरी-मार्च में भारी बारिश (Rainfall) और ओले (Hailstorm) पड़ने से कई जगह किसानों की फसलों (Crop) को क्षति पहुंची है. सरकार की मंशा है कि जिन किसानों की फसलों को क्षति पहुंची है उनको तय समय में अनिवार्य रूप से बीमित रकम मिले. इसके लिए सरकार ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे सर्वे कराकर तय समय में किसानों को उनकी क्षति की भरपाई करें. उन्होंने बताया कि सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सर्वे के कार्य के लिए बीमा कंपनी के साथ कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को पास जारी कर दें. अब तक करीब 90 हजार किसानों के आवेदन बीमा कंपनियों के पास आ चुके हैं.

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बेमौसम बारिश से आलू की फसल को नुकसान

प्रवक्ता ने बताया कि इस साल बेमौसम बारिश से आलू की फसल को भी बेहद नुकसान हुआ है. आलू की फसल की कुछ खुदाई हुई है, बाकी अभी खेत में है. बंद के कारण शीतगृहों तक आलू पहुंचने को लेकर असमंजस के कारण किसान खुदाई भी नहीं करवा रहे थे. आज सरकार ने किसानों के इसे भी दूर कर दिया. राज्य सरकार ने सभी शीतगृहों (Cold Storage) को संक्रमणमुक्त कर संचालित करने की प्रक्रिया शुरू करायी है. आलू के भंडारण और निकासी में कोई समस्या नहीं आये यह सुनिश्चित किया जा रहा है. इस काम में लगने वाले श्रमिकों को काम करने की अनुमति दिये जाने के बारे में सभी डीएम को निर्देश दिये जा चुके हैं.