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किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में मंगलवार को कृषि मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

Updated on: 14 Apr 2021, 03:13 PM

highlights

  • 6 राज्यों के 10 जिलों में चयनित 100 गांवों में एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करेगी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया 
  • मंगलवार को कृषि मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली:

कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर खेती लागत कम करने और किसानों का उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के मकसद से लगातार कोशिश में जुटी भारत सरकार (Modi Government) अब इस काम में दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Corporation) की भी मदद ले रही है. इस सिलसिले में कृषि मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के साथ एक समझौता किया है. इस समझौते के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) फसलोपरांत प्रबंधन एवं वितरण सहित स्मार्ट एवं सुव्यवस्थित कृषि के लिए किसान इंटरफेस विकसित करने के लिए देश के छह राज्यों (उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान व आंध्रप्रदेश) के 10 जिलों में चयनित 100 गांवों में एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है.

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टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों के लिए खेती मुनाफे का सौदा बनेगी:  नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में मंगलवार को कृषि मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना अब मूर्तरूप ले रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद से मोदी ने खेती-किसानी में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर बहुत बल दिया है, ताकि इसके माध्यम से किसानों को सुविधा हो और उनकी आमदनी बढ़ सके. टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों के लिए खेती मुनाफे का सौदा बनेगी, साथ ही नई पीढ़ी भी कृषि की ओर आकर्षित होगी. इसलिए इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है.

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केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार की पारदर्शिता की सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) सहित अन्य योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा कराई जा रही है और मनरेगा में भी ऐसा ही हो रहा है. उन्होंने कहा कि मनरेगा का सारा डेटा सरकार के पास उपलब्ध है, जिससे आज मजदूरी की राशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में जाती है. आज मनरेगा में लगभग 12 करोड़ लोग जॉब कार्डधारी है, जिनमें से लगभग 7 करोड़ लोग काम प्राप्त करने के लिए आते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि क्षेत्र ने कोरोना महामारी जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दिया है. तोमर ने कहा कि कृषि का कोई भी नुकसान देश का ही नुकसान होता है, इसलिए प्रधानमंत्री ने अनेक कार्य हाथ में लिए हैं. एक के बाद एक योजनाओं का सृजन व क्रियान्वयन हो रहा है,ताकि छोटे किसानों के लिए खेती लाभप्रद बने.