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Edible Oil News Update: सस्ते आयातित तेल के कारण स्थानीय तेल-तिलहन बाजार पर दबाव

Edible Oil News Update: बाजार सूत्रों ने कहा कि अच्छी खेती और तेल के सस्ते आयात की वजह से जहां सोयाबीन दाना में हानि दर्ज हुई, लेकिन सस्ते आयातित सोयाबीन डीगम तेल की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल में सुधार दिखा.

Updated on: 16 Jul 2020, 10:27 AM

नई दिल्ली :

Edible Oil News Update: पाम तेल (Palm Oil) और सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन (तिलहन फसल) जैसे घरेलू तेल तिलहनों में गिरावट दर्ज हुई जबकि मांग होने के बावजूद मंडी में कम आवक के कारण सरसों तिलहन और तेलों की कीमतें पूर्ववत बनी रहीं. बाजार सूत्रों ने कहा कि अच्छी खेती और तेल के सस्ते आयात की वजह से जहां सोयाबीन दाना में हानि दर्ज हुई, लेकिन सस्ते आयातित सोयाबीन डीगम तेल की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल में सुधार दिखा.

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सोयाबीन की बंपर पैदावार होने की संभावना
‘लॉकडाऊन’ में ढील के बाद होटल/ढाबों पर सस्ते खाद्य तेलों की मांग बढ़ने से पाम तेल तेल तेज हुआ. सरसों किसानों द्वारा सस्ते कीमत पर ऊपज को नहीं बेचने से सरसों और सरसों तेल दादरी, सरसों पक्की एवं कच्ची घानी के भाव पूर्वस्तर पर टिके रहे. उन्होंने कहा कि देश में किसानों के पास सोयाबीन और मूंगफली का काफी स्टॉक बचा हुआ है और सोयाबीन की आगे भी बम्पर पैदावार होने की संभावना है और पैदावार लगभग डेढ़ गुना वृद्धि होने की संभावना है. इसकी वजह से हाजिर मंडी और वायदा कारोबार में सोयाबीन बीज के भाव कम चल रहे हैं और किसान सस्ते दामों पर अपनी फसल बेचने को बाध्य हो रहे हैं.

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सस्ते आयातित तेलों की मांग के आगे सोयाबीन और मूंगफली तेल के भाव महंगे बैठते हैं जिसके कारण तिलहन किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगस्त में सांगली की सोयाबीन की फसल महाराष्ट्र में आ जायेगी और डेढ़ महीने बाद मध्य प्रदेश की फसल मंडियों में आयेगी. इस बार पैदावार बम्पर होने की संभावना के कारण उद्योग मंत्रालय को, देश के तिलहन किसानों के हित में, सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि कर घरेलू तेलों को प्रतिस्पर्धी बनाने के बारे में फैसला लेना चाहिये क्योंकि पामतेल पर आयात शुल्क के संदर्भ में देश का निर्यातक देशों के साथ करार समाप्त हो चुका है. सूत्रों ने कहा कि देश को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने के संकल्प के अनुरूप किसानों ने तो अपना उत्पादन बढ़ा दिया मगर अब सरकार को उनके हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर कोई फैसला करना चाहिये.

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बुधवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,640- 4,690 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये. मूंगफली दाना - 4,750 - 4,800 रुपये. वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन. मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,600 रुपये. मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,895 - 1,945 रुपये प्रति टिन. सरसों तेल दादरी- 9,580 रुपये प्रति क्विंटल. सरसों पक्की घानी- 1,530 - 1,670 रुपये प्रति टिन. सरसों कच्ची घानी- 1,625 - 1,745 रुपये प्रति टिन. तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये. सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,000 रुपये. सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,800 रुपये. सोयाबीन तेल डीगम- 7,900 रुपये. सीपीओ एक्स-कांडला- 6,950 रुपये. बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये. पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,450 रुपये। पामोलीन कांडला- 7,700 रुपये (बिना जीएसटी के). सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,685- 3,710 लूज में 3,420--3,485 रुपये। मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये.