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जुलाई के दौरान सबसे ज्यादा हुआ खाने के तेल का इंपोर्ट, 15.17 लाख टन का आयात

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि जुलाई में खाद्य तेल के आयात में पुनरुद्धार का संकेत दिख रहा है, क्योंकि अप्रैल-मई 2020 में कम आयात के कारण जो पाइपलाइन स्टॉक कम हो गया था, उसकी आंशिक रूप से भरपाई हो रही है.

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Dhirendra Kumar
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Edible Oil

Edible Oil Import( Photo Credit : IANS)

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Edible Oil Price Outlook: भारत का खाद्य तेल आयात (Edible Oil Import) बढ़ने का संकेत दे रहा है क्योंकि जुलाई में आयात की कुल खेप 15.17 लाख टन की रही जो पिछले 11 महीनों में सबसे अधिक है. तेल व्यापारियों के प्रमुख संगठन एसईए ने यह जानकारी दी. दुनिया के वनस्पति तेल प्रमुख खरीदार देश, भारत ने जुलाई 2019 में 13.47 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया था. मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Solvent Extractors Association of India-SEA) ने कहा कि जुलाई में खाद्य तेल के आयात में पुनरुद्धार का संकेत दिख रहा है, क्योंकि अप्रैल-मई 2020 में कम आयात के कारण जो पाइपलाइन स्टॉक कम हो गया था, उसकी आंशिक रूप से भरपाई हो रही है. साल-दर-साल आधार पर खाद्य तेल का आयात 13 प्रतिशत बढ़कर 15.17 लाख टन हो गया.

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तेल वर्ष 2019-20 के पिछले 11 महीनों में सबसे ज्यादा इंपोर्ट
एसईए ने कहा कि तेल वर्ष 2019-20 के पिछले 11 महीनों में यह सबसे अधिक आयात है. अधिकांश आयात पाम तेल का रहा. इसके आयात की कुल खेप इस साल जुलाई में बढ़कर 8.24 लाख टन हो गयी, जो एक साल पहले 8.12 लाख टन थी. एसईए ने कहा है कि पाम तेलों में से केवल कच्चा पाम तेल (सीपीओ) और कच्चा पाम गरी तेल (सीपीकेओ) जुलाई में आयात किए गए थे. इस साल 8 जनवरी से प्रतिबंधित सूची में रखे जाने के बाद आरबीडी पामोलिन के आयात में भारी गिरावट आई है. उसने कहा कि इस साल जुलाई में सोयाबीन का आयात भी बढ़कर 4.84 लाख टन हो गया, जो पिछले साल के इसी महीने में 3.19 लाख टन था. उक्त अवधि में सूरजमुखी तेल का आयात 2 लाख टन से बढ़कर 2.08 लाख टन हो गया.

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एसईए ने कहा कि लॉकडाउन अवधि में, उपभोक्ता पैक में सूरजमुखी और सोयाबीन तेलों के लिए भारी घरेलू मांग थी जो उनके आयात में वृद्धि से स्पष्ट है. हालांकि, मौजूदा तेल वर्ष के नवंबर 2019 से जुलाई 2020 तक कुल आयात 11 प्रतिशत घटकर 95.69 लाख टन रह गई है जिसका मुख्य कारण आरबीडी पामोलिन के आयात में 82 प्रतिशत की कमी आना है. तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है. एक अगस्त को, देश भर में विभिन्न बंदरगाहों पर 15.35 लाख टन का स्टॉक पड़ा था, जो एक जुलाई को 10.80 लाख टन से थोड़ा अधिक था. यह स्टॉक मुख्य रूप से खाद्य तेल के कम आयात के कारण पिछले तीन महीनों में खपने के बाद कम हो गया है. भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे हल्के तेल की एक थोड़ी मात्रा में आयात करता है. सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है.

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