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पर्याप्त भंडार के बावजूद आलू कीमतों में उछाल की वजह तलाश रहे हैं इस राज्य के व्यापाारी

कोलकाता के खुदरा बाजारों में आलू की ज्योति किस्म का दाम 40 रुपये प्रति किलो से अधिक हो गया है. वहीं चंद्रमुखी किस्म 45 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेची जा रही है. व्यापारियों ने कहा कि राज्य में आलू में ऐसा उछाल करीब एक दशक पहले देखने को मिला था.

Updated on: 05 Nov 2020, 01:06 PM

कोलकाता :

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही है कि आलू के दाम (Potato Prices) क्यों चढ़ रहे हैं. व्यापारियों ने बुधवार को कहा कि राज्य के शीत भंडार गृहों में आलू का पर्याप्त स्टॉक है और केंद्र ने भूटान से इसके लाइसेंस-मुक्त आयात की अनुमति दे दी है, ऐसे में आलू कीमतों में उछाल का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है. कोलकाता के खुदरा बाजारों में आलू की ज्योति किस्म का दाम 40 रुपये प्रति किलो से अधिक हो गया है. वहीं चंद्रमुखी किस्म 45 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेची जा रही है.

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करीब एक दशक पहले देखने को मिला था आलू की कीमतों में ऐसा उछाल 
व्यापारियों ने कहा कि राज्य में आलू की कीमतों में ऐसा उछाल करीब एक दशक पहले देखने को मिला था. पश्चिम बंगाल शीत भंडार गृह संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि आलू की 59 लाख टन की कुल क्षमता में से 26-27 प्रतिशत उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि स्टॉक का यह स्तर सामान्य है और पिछले वर्षों की तरह है. संकट की कोई वजह नहीं है. हम कीमतों में वृद्धि की वजह नहीं जान पा रहे हैं. शीत भंडार गृह के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आलू कीमतों में उछाल के लिए अन्य राज्यों को निर्यात, बड़े कॉरपोरेट द्वारा खरीदारी और जमाखोरी को जिम्मेदार बताया जा रहा है.

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भूटान से 30,000 टन आलू जल्द आने की उम्मीद
एक व्यापारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भूटान से बिना लाइसेंस आलू का आयात करने की अनुमति दे दी है. 30,000 टन आलू जल्द आने की उम्मीद है. आंशिक रूप से नियमों में ढील देते हुए सरकार ने 30 अक्टूबर को भूटान से अगले साल 31 जनवरी तक आलू के लाइसेंस मुक्त आयात की अनुमति दी थी.