logo-image

वाहन चालकों के लिए खुशखबरी: क्रूड Oil के दाम घटे, पेट्रोल-डीजल की कीमत में आएगी भारी गिरावट

वाहन चालकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम धड़ाम हुए हैं.

Updated on: 18 Mar 2020, 07:01 PM

नई दिल्ली:

Crude Oil News: वाहन चालकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (Crude Oil) के दाम धड़ाम हुए हैं. बताया जा रहै कि डब्ल्यूटीआई क्रूड 25 डॉलर प्रति बैरल यानी करीब साढ़े 8 फीसदी की गिरावट आई है तो वहीं ब्रेंट क्रूड करीब 4 फीसदी गिरकर करीब 29 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. इससे भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में भारी गिरावट आने की संभावना है.

यह भी पढ़ेंःHUL के प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने पर यूजर्स ने निकाली भड़ास, लिखा- तुम तो गौ मूत्र पियो और गोबर से नहाओ

मंगलवार को सस्ते भाव पर मांग आने से कच्चे तेल में 4 साल के निचले स्तर से सुधार

बता दें कि सस्ते भाव पर निवेशकों की खरीद आने से मंगलवार को कच्चा तेल की कीमतों में सुधार आया था और ये चार साल के निचले स्तर से उबरने में कामयाब रहीं. हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि कच्चा तेल में कोई भी सुधार अल्पकालिक रहने वाला है. एशियाई बाजारों में दोपहर के कारोबार में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियेट 4.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 29.95 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.

एक पखवाड़े में 10 फीसदी की गिरावट

ब्रेंट क्रूड भी 2.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 30.78 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था. इससे पहले ब्रेंट क्रूड में एक पखवाड़े में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई थी. यह पिछले चार साल में पहली बार 30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से भी नीचे आ गया था. एक्सिकॉर्प के वैश्विक मुख्य बाजार रणनीतिज्ञ स्टीफन इनेस ने कहा कि बाजार को मुख्यत: निचले स्तर पर खरीदारी कर रहे निवेशकों से मदद मिल रही है, हालांकि भंडार तेजी से बढ़ रहा है. यदि भंडार की यह तेजी निचले स्तर पर आ रही मांग को पछाड़ने में कामयाब रही तो कच्चा तेल की कीमतों में और गिरावट तय है.

यह भी पढ़ेंःकर्नाटक हाईकोर्ट से दिग्विजय सिंह को लगा बड़ा झटका, बागी MLAs से मिलने की याचिका खारिज

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बाजार एक ही चीज की उम्मीद करेगा कि जहां से लौटना संभव न हो, किसी ऐसी स्थिति में पहुंच जाने से पहले ही सऊदी अरब और रूस के बीच विवाद सुलझ जाए. आअर्एचएस मार्किट का कहना है कि बढ़ते उत्पादन तथा घटती मांग के कारण कच्चा तेल का अतिरिक्त वैश्विक भंडार ऐसे स्तर पर पहुंच सकता है, जहां वह पहले कभी भी नहीं पहुंच सका था.