कच्चे तेल पर कोरोना वायरस का कहर, 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ सकता है ब्रेंट क्रूड
दुनियाभर में कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं, जिससे कच्चे तेल के भाव पर लगातार दबाव बना हुआ है. बाजार के जानकारों की माने तो ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है.
नई दिल्ली:
Crude News: कच्चे तेल (Crude Oil) पर कोरोना (Coronavirus) के कहर का असर लगातार बना हुआ है और बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का भाव अब तक इस साल के ऊंचे स्तर से 66 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. दुनियाभर में कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं, जिससे कच्चे तेल के भाव पर लगातार दबाव बना हुआ है. बाजार के जानकारों की माने तो ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है.
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भारत कच्चे तेल का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन कोरोनावायरस के खिलाफ भारत सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग में पूरे देश में लॉकडाउन है जिससे रेल, रोड और हवाई यातायात के साथ-साथ कई फैक्टरियां बंद हैं जिससे तेल की खपत घट गई है.
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जानकारों का नजरिया
एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) ने बताया कि भारत की तरह दुनिया के अन्य देशों में भी तेल की खपत घट गई है, इसलिए आपूर्ति के मुकाबले मांग कम होने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है और आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का दाम 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास (डब्ल्यूटीआई) का दाम 17 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है.
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वहीं केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) का भी यही अनुमान है कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक आ सकता है, जबकि डब्ल्यूटीआई 18 डॉलर प्रति बैरल टूट सकता है. केडिया का कहना है कि कच्चे तेल के दाम में आगे होने वाली गिरावट ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी, बल्कि उसके बाद रिकवरी आएगी क्योंकि अमेरिका में तेल की उत्पादन लागत ज्यादा है इसलिए वह उत्पादन में कटौती कर सकता है इसके बाद दूसरे प्रमुख तेल उत्पादक देश भी उत्पादन में कटौती करने को मजबूर होंगे जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा.
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